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वरुण गांधी ने खुद की तुलना पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से की, सुनाया दिलचस्प किस्सा

भाजपा सांसद वरुण गांधी सोमवार को पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का जिक्र किया।

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पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरूण गांधी ने अपनी तुलना पंडित नेहरू से की। इस दौरान उन्होंने कहा, “जब मैं पहली सांसद बनाकर संसद भवन पहुंचा तो मुझे एक लाख रुपए का तनख्वाह के रुप में एक चेक मिला।”

वरुण गांधी ने कहा, “जब मैं लोकसभा अध्यक्ष के पास जाकर पूछा कि ये क्या है? तो उन्होंने कहा कि ये आपकी तनख्वाह है। मैंने कहा कि सेवा के लिए कोई तनख्वाह जरूरी है। मैं ये पैसे नहीं चाहता हूं। तब उन्होंने कहा कि हमारे यहां कोई प्रावधान नहीं है कि आपकी तनख्वाह को हम वापस लौटाएं। अगर आप तनख्वाह नहीं लेंगे तो कहीं ना कहीं यह पैसा जाएगा।”

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मनमोहन सिंह से मिलकर बताई बात

वरुण गांधी ने कहा, “इसके बाद मैं उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिला। उनसे हमने कहा कि यह गाड़ी बंगला और तनख्वाह सेवा करने के लिए हमें नहीं चाहिए। मनमोहन सिंह ने मेरी बात को कुछ देर तक सुना।”

मुझे न तनख्वाह चाहिए, न बंगला चाहिए: मनमोहन सिंह

वरुण गांधी ने कहा, “इसके बाद मनमोहन सिंह ने मुझसे कहा कि जब मैं छोटा था तो मैं पंजाब के स्कूल में पढ़ता था। हमने पढ़ा था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू भी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। संसद में गए थे तो उन्होंने भी सबसे पहले यही कहा था कि मुझे न तनख्वाह चाहिए, न बंगला चाहिए और न ही कुछ चाहिए."

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कार्यक्रम के बैनर में बीजेपी नेताओं का तस्वीर रही गायब

वरुण गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वरुण के कार्यक्रम में लगे बैनरों में भाजपा का झंडा गायब दिखा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अन्य पार्टी नेता की तस्वीर भी गायब रही। वरुण गांधी के कार्यक्रमों के बैनर में मेनका गांधी और वरुण गांधी की ही तस्वीर दिख रही थी। इसको लेकर भी राजनीतिक कयासबाजियों का दौर खूब चल रहा है।