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PM Modi: NDA की बैठक में PM मोदी और जेपी नड्डा के पीछे बैठे दिखे वरुण गांधी, बागी तेवर की चर्चा

PM Modi: दिल्ली में 31 जुलाई यानी सोमवार को NDA की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद रहे। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी भी मौजूद रहे। नरेंद्र मोदी और वरुण गांधी की एक फोटो वायरल हो रही है।

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दिल्ली में NDA की बैठक में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और नितिन गडकरी पीछे बैठे पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी।

PM Modi: NDA यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 25 साल पूरे होने पर भाजपा सांसदों की बैठक हुई। बैठक में NDA के 45 सांसद शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा के पीछे वरुण गांधी बैठे हैं। इस फोटो की चर्चा इसलिए हो रही है ‌कि वरुण गांधी मोदी सरकार और योगी सरकार को घेरते रहे हैं। अपने ही सरकार के विरोध में बोलते रहते हैं।


बैठक की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें वरुण गांधी भी दिख रहे हैं। वरुण गांधी पीएम मोदी और जेपी नड्डा के थोड़ी पीछे ही बैठे हैं। ये फोटो सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने ट्वीट की हैं।


पहले देखिए संघमित्रा मौर्य का ट्वीट
भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने ट्वीट किया, “कल दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के २५ वर्ष पूर्ण होने पर पश्चिम, ब्रज, कानपुर–बुंदेलखंड की बैठक में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी, आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, आदरणीय पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी जी का मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ।”


वरुण गांधी की बैठक में शामिल होना क्या कोई सियासी संदेश है?
वरुण गांधी के इस बैठक में शामिल होने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ राजनीतिक हलकों में चर्चाएं हैं कि वरुण फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बने रहेंगे। वरुण की सियासी रणनीति 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर ही चुनाव लड़ना है। कुछ सियासी पंडितों का मानना है कि वरुण गांधी अभी भी विरोधी सुर अपनाएं हुए हैं। ऐसे में उनका इस बैठक में जाना सिर्फ और सिर्फ भाजपा सांसद होने के नाते अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करना है।


क्या सपा में शामिल होंगे वरुण?
पिछले कुछ समय से ऐसी चर्चाएं है कि वरुण गांधी चुनाव के समय में कमल के फूल को छोड़कर साइकिल की सवारी कर सकते हैं। चर्चाएं ये भी थी कि भाजपा पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट भी काट सकती है। समाजवादी चीफ अखिलेश यादव से जब भी वरुण को लेकर सवाल पूछा गया तो वह गोलमोल जवाब देने हुए नजर आए. उन्होंने कभी वरुण को लेकर सीधा जवाब नहीं दिया। माना जाता है कि सपा भी वरुण गांधी को लेकर पूरी तरह से सहज नहीं है। इसके पीछे वरुण की राजनीतिक इमेंज भी है।


दरअसल एक समय था जब वरुण गांधी ने खुद को हिंदुत्व की राजनीति के तौर पर पेश किया था। उनके कुछ बयानों पर बड़ा विवाद हुआ था। ऐसे में समाजवादी पार्टी और वरुण, दोनों ही एक दूसरे से आसानी से सहज नहीं होंगे। माना जा रहा है कि इसलिए ही वरुण ने अभी तक अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं। मगर इन तस्वीरों ने सियासी संकेत तो दिए हैं कि वरुण शायद भाजपा छोड़ने के मूड में नहीं हैं और वह फिर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।