पीलीभीत। भारतीय जनता पार्टी एक तरफ एससी-एसटी कानून लाकर दलितों के संरक्षण की बात करती हैं, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही नज़र आती है। योगी सरकार में दलितों का उत्पीड़न जारी हैं, मामला यूपी के पीलीभीत से जहां भाजपा के एक जनप्रतिनिधि के संरक्षण में महिला का दलितों पर हमला करती हुई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुयी। पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं, मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी सदर कोतवाल ने महिला को संरक्षण देते हुए दलित के खिलाफ छेड़छाड़ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया हैं। वहीं दूसरी ओर दलित की तहरीर तक लेने से इंकार कर दिया। पूरे मामले की जानकारी जब जिले के पुलिस अधीक्षक व एक जनप्रतिनिधि को मिली तो उन्होने दलित को न्याय दिलाते हुये तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराकर न्याय दिलाया हैं।
वायरल वीडियो की यह हैं कहानी
देखा वीडियो किस तरह थाना कोतवाली के अंतर्गत आने वाली ठेका चौकी से चंद कदमों की दूरी पर यह महिला किस तरह हमलावर हो रही हैं। महिला के साथ उसका पति भी दलित के साथ मारपीट करने में पीछे नहीं रहा। आपको बता दें कि बीते दिन गुरूवार को दोपहर करीब 1 बजे दलित कमलेश आवास विकास चौराहे पास रोज़ की तरह अपना खोक़ा खोल रहा था। दलित खोक़ा खोलने के बाद आसपास की मिट्टी फावडे़ और सब्बल से ठीक कर रहा था कि तभी रोड के सामने स्थित जायसवाल बैटरी की मालकिन अपने पति जगदीश के साथ अचानक दलित कमलेश व उसके बेटे पर हमलावर हो गयी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाया कि महिला का पति जगदीश पहले तो मारपीट करता हैं और उसके बाद महिला कभी फावड़ा लेकर तो कभी सब्बल लेकर मारने को दौड़ती है। इसके बाद महिला एक भाजपा नेता को फोन करती है और अपने धन-बल का रूतबा दिखाते हुये कमलेश के खिलाफ उलटा छेड़छाड़ का मुकदमा लिखवा देती है। कमलेश भी कोतवाली पुलिस के न्याय के लिये जब जाता है तो कोतवाली पुलिस धन-बल के रूतबे के आगे नत्मस्तक हो जाती हैं, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक बालेन्दु भूषण सिंह के संज्ञान के संज्ञान में जब यह मामला आता है तो उसके बाद कोतवाली पुलिस बुरे मन से महिला व उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करती है। पूरे मामले की जानकारी जब एक अन्य जनप्रतिनिधि को हुयी तो उन्होने पीड़ित दलित कमलेश को न्याय दिलाने की बात कहते हुये कोतवाली निरीक्षक को फोन कर निष्पक्ष कार्यवाही के लिये कहा।