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नीतीश कुमार से मिलने पटना पहुंचे अमित शाह, 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे पर होगी बात

अमित शाह और नीतीश कुमार की यह मुलाकात इस वजह से भी काफी अहम मानी जा रही क्योंकि सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और जदयू खींचतान चल रही है।

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Amit Shah meet Nitish Kumar

नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बिहार के सीएम नीतिश कुमार से मिलने पटना पहुंचे गए हैं। पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया, जिसके बाद वह नीतिश कुमार से मिले। माना जा रहा है कि अमित शाह बैठक में जदयू नेता से मिलकर चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे। इस दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के अलावा भाजपा नेता भूपेंद्र यादव व नित्यानंद राय भी मौजूद हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात इस वजह से भी काफी अहम मानी जा रही क्योंकि सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और जदयू में खींचतान चल रही है। आलम यह है कि दोनों दलों के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा समेत विपक्षी नेताओं की नजर इस बैठक पर टिकी है। हालांकि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और नीतीश कुमार की ओर से लोक संवाद के दौरान दोनों पार्टियों के बीच बेहतर संबंध होने की बात कही गई है।

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इन दोनों नेताओं के मुलाकात को बिहार की राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि भाजपा के सत्ता में वापसी के बाद शाह की इस बिहार यात्रा के दौरान न केवल नीतीश के जद (यू) से सीट बंटवारे पर चर्चा होगी बल्कि लोकसभा चुनाव की रणनीतियों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। ऐसे में शाह के इस दौरे पर न केवल बिहार के सत्ता पक्ष के नेताओं की नजर है बल्कि विपक्ष भी इन नेताओं के मुलाकात पर पैनी निगाह रखे हुए है। वर्ष 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद शाह की यह पहली बिहार यात्रा है। हालांकि, तब और आज के समय में काफी बदलाव आ गया है। उस समय जद (यू) भाजपा से अलग महागठबंधन में था लेकिन अब भाजपा के साथ सरकार में है।

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वैसे, इस दौरान आगामी चुनावों को लेकर भाजपा और जद (यू) के नेता सीट बंटवारे और बड़े भाई-छोटे भाई की भूमिका को लेकर आमने-सामने आते रहे हैं। दोनों दलों की बयानबाजी के दौरान जद (यू) ने यहां तक कह दिया था कि पिछले लोकसभा चुनाव के फॉमूर्ले पर चलते हुए उन्हें 40 में से 25 सीट लड़ने के लिए मिलनी चाहिए। जद (यू) ने यह भी कह दिया है कि अगर भाजपा नहीं मानती है, तो वह 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में जद (यू) अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी और उसे मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था जबकि भाजपा को बिहार की 40 में से 22 सीटें मिली थीं।