महबूबा मुफ्ती का इरादा गलत नहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कहा कि हम चुनाव के लिए गठबंधन से अलग नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा करना होता तो 6 महीने बात हम गठबंधन तोड़ते। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार को धनराशि उपलब्ध कराए जाने के बावजूद कश्मीरी पंडितों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से राज्य में पहुंचे लोगों को राहत एवं पुनर्वास मुहैया कराने की कोशिशों एवं अन्य मुद्दों को लेकर अब तक मामूली प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि ये चीजें आगे नहीं बढ़ीं, इसलिए हम और कितना इंतजार करते। अमित शाह ने यहां तक कहा कि मुझे नहीं लगता कि महबूबा मुफ्ती का इरादा गलत था, लेकिन कई तरह के दबाव समूह आ गए जिन्होंने संतुलित विकास का सपना तोड़ दिया। शाह ने कहा कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के तीनों क्षेत्रों में विकास का जो संतुलन होना चाहिए था, वह नहीं हो सका। साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति भी काफी बिगड़ गई। इसके कारण यह फैसला लिया गया।
बहरहाल, जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा एक बार फिर वहां अपनी सरकार बनाने में जुटी है। इतना ही नहीं 23 जून को घाटी में भाजपा एक सभा के जरिए शक्ति प्रदर्शन भी करने जा रहा है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी शिरकत करेंगे। अब देखना यह होगा कि घाटी में आगे कैसी रणनीति बनती है।