15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गोवा और दमन के आर्कबिशप के बयान से मचा सियासी घमासान बोले- खतरे में देश का संविधान

फरारो की ओर से रविवार को आए संदेश में कहा गया कि अब यह आवश्यक हो गया है कि आस्थावान लोग भी सक्रिय राजनीति में अपना योगदान दें।

2 min read
Google source verification
news

गोवा और दमन के आर्कबिशन के बयान से मचा सियासी घमासान बोले- खतरे में देश का संविधान

पणजी। दिल्ली के आर्कबिशप के पत्र के बाद अब गोवा और दमन के आर्कबिशप के बयान ने सियासी तूफान ला दिया है। गोवा के आर्कबिशप फिलिप नेरी फरारो ने कैथोलिक ईसाइयों से सक्रिय राजनीति में आने की अपील की है। इसके साथ ही फरारो ने मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए संविधान को खतरे में बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के शासन नमें एक संस्कृति को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

बिहार: बेटी से मिलने आई 65 वर्षीया महिला के साथ 40 वर्षीय अधेड़ ने किया दुष्कर्म

चापलूसी की राजनीति से करें तोबा

आर्कबिशप के इस बयान के बाद मचे सियासी घमासान के बाद उनके सेक्रटरी को इस मामले में स्पष्टीकरण देना पड़ा। सेक्रटरी ने कहा कि उनकी ओर से हर साल इस तरह का पत्र जारी किया जाता है। उन्होंने कहा इस बार उनके बयानों का गलत मतलब निकाल कर उसका मुद्दा बनाया जा रहा है। सेक्रटरी ने कहा कि यह पत्र हमने अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है।

विश्व पर्यावरण दिवस: ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम नहीं किया तो काल के गाल में समा जाएगी धरती

ऐसे में गलत मतलब निकालने से पहले वेबसाइट पर जाकर उनका यह पत्र पढ़ना चाहिए। फरारो की ओर से रविवार को आए संदेश में कहा गया कि अब यह आवश्यक हो गया है कि आस्थावान लोग भी सक्रिय राजनीति में अपना योगदान दें और चापलूसी की सियासत के स्थान पर अंतरात्मा की आवाज को सुनें। बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली के आर्कबिशप अनिल कूटो के पत्र से राजनीति तेज हो गई थी।

ऐसे आलीशान जीवन जीता है नॉर्थ कोरिया का शासक, सामने आई किम जोंग उन के घर की तस्वीरें

आर्कबिशप अनिल कूटो ने पत्र में लिखा था कि सियासी माहौल अशांति के दौर में है। ऐसे में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं उन्होंने ईसाई धर्म के मानने वालों से प्रार्थना अभियान चलाने की अपील भी की थी।