
नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में शनिवार दोपहर को अंतिम सांस ली।
उनको सांस लेने में परेशानी थी, जिसके बाद उनको एम्स में भर्ती कराया गया था। इस दौरान लोगों की जुबान पर जेटली से जुड़े तमाम किस्से बने रहे।
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी मित्रता की चर्चा खूब चर्चा में रही।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 1994 में जब गुजरात से दिल्ली आए थे तो वो राजधानी के माहौल से काफी अनजान थे।
यह वो समय था जब शंकर सिंह वाघेला के भाजपा से विद्रोह के बाद पार्टी ने नरेंद्र मोदी दिल्ली भेज दिया था। उस समय उनके रहने की व्यवस्था राज्यसभा सदस्य दिलीप शंघानी ने अपने यहां की थी।
यहीं से दोनों नेताओं की दोस्ती की नींव पड़ी थी।
पीएम मोदी शंघानी के यहां रुके जरूर थे, लेकिन उनके जरूरत के सामानों की पूरी व्यवस्था अरुण जेटली ने ही की थी।
हालांकि उस समय अरुण जेटली का पार्टी में वो रुतबा तो नहीं था, लेकिन नरेन्द्र मोदी का कद भी सामान्य हैसियत वाले नेताओं का ही था।
इसके बाद 2002 में अरुण जेटली को गुजरात भेजा गया था। दरअसल, जेटली वहां नरेंद्र मोदी से त्यागपत्र लेकर गोवा एक्जीक्यूटिव मीटिंग अटैंड करने पहुंचे।
लेकिन वहां पहुंचकर उनको लगा कि ऐसा करना गलत होगा।
माना जाता है कि अरुण जेटली यारों के यार थे। वह जरूरत पर हमेशा अपने दोस्तों के साथ खड़े होते थे।
Updated on:
24 Aug 2019 06:39 pm
Published on:
24 Aug 2019 06:36 pm
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