विश्वास ने न्यायमूर्ति राजीव सहाई एंडलॉ से कहा, ‘माफी मांगने से पहले और मामले में जेटली के संबंध में अन्य बयान देने से पहले, मैं जानना चाहता हूं कि मेरी पार्टी के नेताओं ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ बयान देने के दौरान झूठ बोला था या नहीं।’ अदालत ने इस मामले में विश्वास की याचिका स्वीकार कर ली। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 28 मई मुकर्रर कर दी।
कोर्ट में पेशी के बाद एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कुमार ने कहा कि ये ऐसी घटना हुई जैसे एक कायर सेनापति अपने सभी सैनिकों को यलगार हो कहकर लड़ने के लिए छोड़ दे। उसके बाद वो बेचारे सैनिक तलवार लेकर जूझते रहे और मार खाते रहें। वो सेनापति पीछे से भागकर विपक्ष के खेमे में घुस जाता है और जमीन पर लेटकर माफी मांगता है। कहता है कि मेरी रियासत छोड़ दीजिए।
हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं- संजय सिंह, आशुतोष, दीपक बाजपेयी, राघव चड्ढा और जेटली के संयुक्त आवेदन को स्वीकार कर लिया था, जिसमें इनलोगों ने अदालत से मानहानि का मुकदमा वापस लेने की इजाजत मांगी थी।
जेटली को लिखे एक पत्र में केजरीवाल ने कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से अपने द्वारा आपके ऊपर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर लगाए गए सभी आरोपों को वापस लेता हूं। मेरे द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण आपके सम्मान को हुए किसी तरह के नुकसान के लिए मैं आपसे और आपके परिवार से पूरी ईमानदारी से माफी मांगता हूं।’
केजरीवाल और अन्य आप नेताओं ने जेटली और उसके परिवार से मंत्री पर दिल्ली व जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में उनके 13 वर्ष के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप पर माफी मांग ली थी। जेटली ने हालांकि इस मामले में कुमार विश्वास के खिलाफ मानहानि का मामला जारी रखा था, क्योंकि उन्होंने माफी नहीं मांगी थी।