ये है शौरी का फॉर्मूला उन्होंने कहा मोदी लहर को रोका जा सकता है। इतनी लोकप्रियता के बाद भी उन्हें सिर्फ 31 फीसदी ही वोट मिले हैं। – छोटी-छोटी बातों को पीछे छोड़ विपक्ष को एकजुट रहना होगा।
– हर निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के खिलाफ सिर्फ एक उम्मीदवार उतारा जाए। एक से ज्यादा उम्मीदवार उतारने का खामियाजा गुजरात और उत्तर प्रदेश में भुगतना पड़ा था। – एक राज्य में वहां के क्षेत्रीय दल या नेता पर भरोसा करना होगा। सीटों का बंटवारा भी उन्हीं के भरोसे छोड़ना होगा। अन्यथा दो-तीन सीटों के लिए भी बिखराव होगा।
– विपक्ष के नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए जिसमें एकजुटता खत्म होने के संकेत मिलते हैं। कर्नाटक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रालय बंटने से पहले ही एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी होने लगी। फिर जनता क्यों भरोसा करेगी?
हर मोर्चे पर लगाई मोदी सरकार की क्लास शौरी ने मोदी सरकार को कई मोर्चों पर निशाने पर लिया है। उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति के मोर्चे पर भी सवालों की झड़ी लगा दी और कहा, ‘मोदी सरकार आज उसी मोड़ पर है जहां मनमोहन सरकार थी लेकिन अब देश को विभाजित किया जा रहा है। इसके चलते देश की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है। विदेश नीतियां भी पूरी तरह विफल रही हैं, लेकिन इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।