
सीबीआइ घूस कांड पर गरमाई राजनीति, अरविंद केजरीवाल ने रफाल कांड से संबंध की जताई संभावना
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के आरोपों की सूची भी लंबी होती चली जा रही है। राहुल गांधी ने रफाल डील में मोदी को सीधे-सीधे भागीदार बताया था, तो अब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि क्या रफाल मामले में जांच से डरकर आलोक वर्मा को हटाया गया है?
पीएम मोदी का बीच-बचाव भी काम नहीं आया था
इतिहास में पहली बार भारतवासियों ने दो वरिष्ठतम सीबीआइ अधिकारियों के बीच भीषण अंतर्कलह देखी। दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे पर घूस लेने का आरोप लगाया। बात इतनी बढ़ गई कि केंद्र सरकार को दखल देना पड़ा। बताया गया कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों अधिकारियों के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी, पर बात नहीं बन सकी।
आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा
सीबीआइ घूस कांड से मोदी सरकार की पूरे देश में बहुत किरकिरी हुई। आरोप लगे कि दोनों में से एक अधिकारी भाजपा नेताओं का करीबी है। चुनावी माहौल में इस तरह से आरोपों से वोटों का गणित बिगड़ सकता है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने मामले में दखल देते हुए सीबीआइ घूस कांड में आपस में भिड़े सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को उनके सारे अधिकार वापस लेकर छुट्टी पर भेज दिया और एम नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बना दिया।
अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि 'क्या रफाल डील और आलोक वर्मा को हटाने के बीच कोई संबंध है? क्या आलोक वर्मा रफाल मामले में जांच शुरू करने जा रहे थे, जो मोदी जी के लिए समस्या बन सकती थी? उधर, प्रशांत भूषण भी यही संभावना व्यक्त कर चुके हैं। आपको बता दें कि मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली औऱ् सर्वोच्च न्यायालय ने भी मामले की सुनवाई करना स्वीकार कर लिया है।
Updated on:
24 Oct 2018 02:00 pm
Published on:
24 Oct 2018 01:47 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
