8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अटल के बाद उनके ड्राइवर ने खोले कई राज, भाषण से पहले मिश्री खाना नहीं भूलते थे वाजपेयी

पूर्व पीएम वाजपेयी की एक खासियत यह भी थी कि वह वीआईपी होने के बाद भी हमेशा लाइन में खड़े होकर अपना वोट डालते थे।

2 min read
Google source verification

image

Mohit sharma

Aug 17, 2018

Atal Bihari Vajpayee

अटल के बाद उनके ड्राइवर ने खोले कई राज, भाषण से पहले मिश्री खाना नहीं भूलते थे वाजपेयी

नई दिल्ली। भाजपा का उदारवादी चेहरा माने जाने वाले और कई सियासी दलों के सहयोग से 90 के दशक में केंद्र में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को निधन हो गया। वाजपेयी लंबे समय से बीमार थे, जिसके चलते उनको दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। वाजपेयी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ से पांच बार सांसद रहे अटल हर दिल अजीज थे। उनका मधुर और मिलनसार स्वभाव ही उनको अन्य नेताओं से अलग करता था। आज जब वो नहीं रहे तो उनके कुछ दिलचस्प किस्से अनायास ही लोगों की जुबान पर आने लगे। ऐसे ही एक किस्से का राज करीब तीन दशकों तक उनके ड्राइवर रहे प्रदीप भार्गव ने खोला।

एक राष्ट्र, एक चुनाव के समर्थन में उतरी भाजपा, विधि आयोग को लिखा पत्र

भार्गव के अनुसार वाजपेयी हर सभा को संबोधित करने से पहले मिश्री खाना नहीं भूलते थे। इसके साथ ही वह सभा में जाते समय रास्‍ते में खड़े लोगों से रुक-रुककर जरूर मिलते थे। पूर्व पीएम वाजपेयी की एक खासियत यह भी थी कि वह वीआईपी होने के बाद भी हमेशा लाइन में खड़े होकर अपना वोट डालते थे। हालांकि उनकी इस बात पर उनके सुरक्षाकर्मियों को खासा एतराज होता था, बावजूद इसके वह सारी बातों को दरकिनार कर जाते थे। इस दौरान वह लाइन में लगे अन्य लोगों से उनके सुख-दुख के बारे में पूछते थे। उनकी विनम्रता की इससे बड़ी मिसान और क्या हो सकती है कि जब वह पहली बार नामांकन करने आए थे तो अपने ड्राइवर भार्गव के घर पर ही रुके थे।

पटना शेल्टर होम प्रकरण में पप्पू यादव का बयान, लड़कियों ने की थी यौन शोषण की शिकायत

आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का इलाज एम्स में चल रहा था। वह लंबे समय से गुर्दों की बीमारी से पीड़िता थे। पिछले एक माह के भीतर उनकी कई बार हालत नाजुक हुई थी और उनको जीवन रक्षण प्रणाली पर रखा गया था। जिसके चलते गुरुवार को उनका निधन हो गया।