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रूठों को मनाने की कोशिश : राहुल और सोनिया गांधी ने असंतुष्ट गुट के नेता Ghulam Nabi Azad से की थी बात

locationनई दिल्लीPublished: Aug 26, 2020 12:46:46 pm

CWC की हंगामेदार बैठक के तत्काल बाद damage control में जुटी Gandhi Family।
Ghulam Nabi Azad को मनाने के लिए सोनिया गांधी आईं आगे।
आजाद को नाराज कर पार्टी की आवाज को कमजोर नहीं होने देना चाहती Congress।

Sonia-Gulam Nabi Azad

Ghulam Nabi Azad को मनाने के लिए सोनिया गांधी आईं आगे।

नई दिल्ली। दो दिन पहले लेटर बम को लेकर कांग्रेस कार्य समिति ( CWC ) की बैठक में मचे घमासान के बाद गांधी परिवार ( Gandhi Family ) ने अब पार्टी को इससे हुए नुकसान की भरपाई शुरू कर दी है। इस रणनीति के तहत गांधी परिवार अब डैमेज कंट्रोल ( damage control ) की कवायद में जुट गया है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले चिठ्ठी लिखने वाले असंतुष्ट गुट के नेता गुलाम नबी आजाद ( Leader of dissident group Ghulam Nabi Azad ) को मनाने के लिए खुद सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) आगे आई हैं।
सबसे पहले राहुल ने की बात

हालांकि सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति ( CWC ) की बैठक के तुरंत बाद राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने भी गुलाम नबी आजाद से बात कर गिले शिकवे दूर करने की कोशिश की थी। उन्होंने लेटर को लेकर भावनाएं आजाद से साझा की।
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सोनिया ने आजाद को मिलाया फोन

जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) ने असंतुष्ट गुट के नेता गुलाम नबी आजाद से फोन कर बात की। इस बात का अभी तक पता नहीं लग पाया है कि दोनों के बीच बात क्या हुई। फिर भी इस फोनकॉल की टाइमिंग को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि गांधी परिवार किसी भी कीमत पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को रूठने नहीं देना चाहता है। इसलिए उन्हें मनाने की मुहिम के तहत गांधी परिवार ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।
जारी है मनाने की कोशिश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के भरोसेमंद साथी गुलाम नबी आजाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता के साथ संसद में कांग्रेस की दमदार आवाज ( Strong voice ) भी हैं। इससे पहले वे जम्मू और कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। एक महीने के अंदर ही संसद का मानसून सत्र ( Monsoon Session ) शुरू होने वाला है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यह नहीं चाहता कि पार्टी की एकता को खतरा हो या संसद में उनकी आवाज कमजोर पड़े। इस योजना के तहत आजाद को मनाने को लेकर हर संभव कोशिश जारी है।
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बता दें कि सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस के कई सदस्यों ने पत्र लिखने वाले नेताओं को बीजेपी समर्थक ( BJP Suppoters ) करार दिया था। कहा जाता है कि आजाद इन आरोपों से दुखी हैं और उन्होंने तब भी इसे बेबुनियाद बताते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। पत्र लिखने वाले दूसरे नेताओं ने भी इन आरोपों का खंडन किया था। कपिल सिब्बल ( Kapil Sibbal ) भी खुलकर सामने गए थे और अपना दर्द बयां किया था।

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