
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में अयोध्या विवाद ( Ayodhya Dispute ) के मुद्दे पर बुधवार को भी सुनवाई हुई। राम लला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने छठे दिन अदालत के सामने पुराणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि स्कंद पुराण ( Skand Puirana ) में सरयू नदी और राम जन्मभूमि के बारे में बताया गया है।
इस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि इसमें 5 इंच के एक पालना का भी जिक्र है। क्या आप मानेंगे कि वह कोर्टयार्ड के अंदर है या बाहर? जिस पर वकील ने इसके अंदर होने की बात कही।
राम जन्मभूमि अपने आप में देवता हैं
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप जिन शब्दों का जिक्र कर रहे हैं उनमें राम जन्मभूमि के दर्शन का जिक्र है। इसमें किसी देवता का जिक्र नहीं है जिसपर वकील वैद्यनाथन ने कहा कि राम जन्मभूमि ही अपने आप में देवता हैं।
मंदिर को ढहाने के सवाल पर रामलला के वकील ने कहा कि इस पर कई तरह के तथ्य हैं। लेकिन ये तय है कि इसे 1786 से पहले गिराया गया था।
19वीं सदी में पड़ा मंदिर का नाम बाबरी मस्जिद
तभी जस्टिस बोबडे ने उनसे पूछा कि इस जगह को बाबरी मस्जिद कब से कहना शुरू किया गया? रामलला के वकील ने इस पर जवाब दिया कि 19वीं सदी में। उससे पहले के कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।
मस्जिद को बनाने का आदेश किसने दिया
उन्होंने पूछा कि इसका क्या सबूत है कि बाबर ने ही अयोध्या ( Ayodhya Dispute ) में मस्जिद बनाने का आदेश दिया था। क्या इसका कोई सबूत है कि मंदिर को बाबर या उसके जनरल के आदेश के बाद ही ढहाया गया था।
रामलला के वकील वैद्यनाथन ने जोसेफ टाइफेंथलर का हवाला देते हुए कहा कि राम की याद में सरयू नदी के किनारे कुछ इमारतें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर के पास एक स्वर्ग द्वार भी था जो बाद में औरंगजेब के द्वारा गिराया गया। कुछ जगह जिक्र है कि बाबर के द्वारा गिराया गया।
मंदिर के पीलर का दिया सबूत
रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन ने इस दौरान ब्रिटिश सर्वाईवर मार्टिन के स्केच का जिक्र किया जिसमें 1838 के दौरान मंदिर के पिलर दिखाए गए थे।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि राम जन्मभूमि पर मंदिर ईसा मसीह के जन्म से 57 साल पहले मंदिर बना था। हिंदुओं का मानना है कि मुगलों के द्वारा मंदिर को तोड़ा गया।
बौद्ध के समय से हुआ अयोध्या का पतन शुरू
रामलला के वकील वैद्यनाथन ने कहा कि अयोध्या शहर में जब बौद्ध का राज था तभी से ही शहर का पतन शुरू हुआ। कई लोगों ने इस स्थान को खराब किया।
हिंदुओं की मुख्य जगहों पर तीन मस्जिदें बनाई गईं। जिनमें से एक राम जन्मभूमि था। इस दौरान उन्होंने पुरातत्व विभाग की 1863, 1864, 1865 की रिपोर्ट भी पढ़ी।
इसमें चीनी स्कॉलर फा हाइन के द्वारा राम की नगरी अयुता में आने का जिक्र है। राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या में 368 मंदिर बनवाए जिसमें राम जन्मभूमि पर बनाया गया मंदिर भी शामिल है।
रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने अदालत में गुप्त वंश के दौरान देश में ब्राह्मण समाज प्रसारित हुआ तभी साकेत शहर का नाम अयोध्या रख दिया है।
राजीव धवन ने सबूत न पेश करने का आरोप लगाया
इससे पहले मंगलवार को राजीव धवन ने कहा था कि रामलला के वकील सिर्फ अदालत के फैसले को पढ़ रहे हैं। कोई तथ्य नहीं दे रहे हैं जिसके बाद अब उन्होंने पुराणों का जिक्र करना शुरू किया है।
बता दें कि 5 अगस्त से शुरू हुई इस सुनवाई का बुधवार को छठा दिन है। मंगलवार की सुनवाई में रामलला की तरफ से वकील सीएस वैद्यनाथन ने अपनी दलीलें रखीं। आज भी वह ही अपनी बात आगे बढ़ा रहे हैं।
इस दौरान अदालत ने एक बार फिर रामलला पक्ष से जन्मभूमि पर कब्जे के सबूत मांगे थे। रामलला विराजमान से पहले निर्मोही अखाड़ा अपने तर्क अदालत में रख चुका है।
Updated on:
14 Aug 2019 04:16 pm
Published on:
14 Aug 2019 04:04 pm
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