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योग दिवस से जेडीयू का किनारा, नीतीश कुमार और उनके मंत्री नहीं हुए शामिल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के नेता अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं

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Chandra Prakash Chourasia

Jun 21, 2018

Modi with Nitish

योग दिवस से जेडीयू का किनारा, नीतीश कुमार और उनके मंत्री नहीं हुए शामिल

नई दिल्ली। पूरी दुनिया आज भारत के साथ योग कर रही है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान के मैदान में करीब 50 हजार लोगों के साथ योग किया। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि एनडीए के घटक दलों में शामिल जेडीयू योग दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई है।

योग से नीतीश और मंत्रियों का किनारा
जेडीयू चीफ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए में शामिल होने से पहले बीजेपी और केंद्र सरकार के धुर विरोधी माने जाते थे। चार साल पहले जब 21 जून को योग दिवस मनाने का ऐलान हुआ तब नीतीश ने कहा था कि योग एक व्यक्तिगत मामला है। इसका सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करने से क्या फायदा, लेकिन अब नीतीश बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना चुके हैं। इसके बावजूद बीजेपी और मोदी सरकार के इस बड़े आयोजन से किनारा करना दिखाता है कि बीजेपी और जेडीयू में सबकुछ ठीक नहीं है।

सरकार ने आयोजन किया लेकिन शामिल नहीं हुए

जुलाई 2017 में एनडीए का हिस्सा बनने के बाद यह पहला योग दिवस है। राजनीतिक पंडितों के उम्मीद थी कि नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान या किसी अन्य स्थान पर विशाल आयोजन करवाएंगे और खुद शामिल होंगे। हालांकि बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग की तरह से आयोजन तो किया गया लेकिन जेडीयू कोटे से कोई मंत्री शामिल नहीं हुए । कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋृषि के मुताबिक आयोजन में शामिल होने के लिए निमंत्रण सभी मंत्रियों, विधायाकों और सांसदों को भेजा गया था।

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बीजेपी-जेडीयू में सब ठीक है?

बिहार की राजनीति पर नजर रखने वालों की माने तो नीतीश कुमार अभी भी खुद को पीएम उम्मीदवार मानते हैं, लेकिन सत्ता के चक्कर में लालू का साथ छोड़ मोदी का हाथ थामने के फैसले पर उन्हें अफसोस है। अगर असंतोष ऐसे ही बना रहा तो जम्मू कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन में दरार जैसे हालात बिहार में भी बन सकते।

पहले भी कर चुके हैं मोदी का विरोध

यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने बीजेपी और मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े हुए है। कुछ दिनों पहले बिहार सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खारिज कर राज्य स्तर पर बीमा योजना लेकर आई। इससे पहले नोटबंदी के नतीजों पर भी नीतीश ने सवाल उठाए थे।