
कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खोला मोर्चा।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) में कांग्रेस ( Congress ) पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। हार के बाद पार्टी के अंदर आपसी कलह एक बार फिर शुरू हो गई है। इसी कड़ी में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ( kapil Sibal ) ने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि साफ कहा कि सार्वजनिक तौर पर बोलने के लिए मैं मजबूर हूं। उन्होंने कहा कि अब आत्मचिंतन का समय खत्म हो गया है। राजनीतिक हकीकत को समझने वाले लोगों को अब आगे लाने का समय आ गया है।
कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर उठाए सवाल
एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व की जमकर आलोचन की। उन्होंने कहा कि पार्टी में कई स्तरों पर बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब समय आ गया है कि पार्टी ये स्वीकार कर लें कि वह कमजोर हो रही है। सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस के हर नेता को अब ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। साथ ही काफी एहतियात के साथ कांग्रेस नेताओं को अपनी बात रखने की जरूरत है। कपिल सिब्बल ने कहा कि जिन राज्यों में सत्तापक्ष के विकल्प हैं, वहां पर जनता ने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा नहीं जताया। इसलिए, अब हर जगह पर आत्मचिंतन का समय खत्म हो गया है और निर्णय लेने का वक्त आ गया है। सिब्बल ने कहा कि हम उत्तर जानते हैं। इसलिए, हिम्मत ये होनी चाहिए कि हम सच्चाई को जल्द से जल्द स्वीकार कर लें। सिब्बल ने कहा कि काफी समय से पार्टी के भीतर कोई संवाद तक नहीं हुआ है। ना ही किसी रणनीति पर कोई चर्चा हुई है। जिसके कारण पार्टी की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
पहले जितना ताकतवर कांग्रेस नहीं रही- सिब्बल
कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी के अंदर किसी चीज को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है। ना ही चर्चा के लिए कोई मंच मिल रहा है। लिहाजा, मैं सार्वजनिक तौर पर अपनी विचार रखने को मजबूर हूं। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं हमेशा से कांग्रेस हूं और आगे भी रहूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अगर अस्तित्व में रहना चाहती है तो उसे सबसे पहले संवाद करने की जरूरत है। साथ ही गठबंधन करने के साथ-साथ जनता तक पहुंचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि जनता हमारे पास आएगी। सिब्बल ने यहां तक डाला कि हम उतने ताकतवर अब नहीं रहे, जितने कभी हुआ करते थे। जिनके पास राजनीतिक अनुभव है, उन्हें सामने लाया जाए और जनता तक उन्हें पहुंच बनानी होगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई कांग्रेसी नेता पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं। बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने भी महागठबंधन की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।
Published on:
16 Nov 2020 01:08 pm
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