
बिहार विधानसभा चुनाव 2020
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे ( Bihar Election Results 2020 ) ना सिर्फ प्रदेश के बल्कि देश की राजनीति के लिए भी काफी अहम माने जा रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच हुए इस चुनाव का परिणाम ना सिर्फ ये बताएगा कि जनता को इस महामारी के दौर में सरकार के प्रबंधन ने कितना संतुष्ट किया, बल्कि आगे वो किस तरह का शासन चाहती है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए प्रदेश में अपनी सरकार बनाती है तो ये ना सिर्फ बिहार के लिए बल्कि केंद्रीय राजनीत की दिशा और दशा भी तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
चुनावी नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि देश की जनता अब भी मोदी मैजिक के साथ है। लेकिन इन सबके बीच 10 पॉइंट्स में जानते हैं कि आखिर बिहार चुनाव नतीजे इतने अहम क्यों है?
1. पीएम मोदी का मैजिक
इस चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साफ कर दिया कि लोगों ने प्रधानमंत्री की क्षमता पर भरोसा जताया है। बीजेपी ने बिहार में प्रदर्शन भी बेहतर किया। हालांकि इससे पहले ही बिहार की जनता बीजेपी को लेकर अपना रुख साफ कर चुकी थी। आम चुनाव में बीजेपी ने यहां 40 में से 39 सीटों पर कब्जा जमाया था।
2. छोटे से बड़े भाई बनने का सफर
बीजेपी ने बिहार के नतीजों ने ये भी साबित कर दिया कि अब वो प्रदेश में बेहतर स्थिति में है। छोटे भाई से जुड़वां और अब बड़े भाई की भूमिका तक का सफर तय किया है। यानी बीजेपी को यहां मिला मजबूत आधार ये दर्शाता है पार्टी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
3. विरोधी दलों को सबक
अब तक बीजेपी को विरोधी गठबंधन के चलते नुकसान झेलना पड़ा है। लेकिन बिहार के नतीजों के साथ बीजेपी ने उन दलों को भी सबक सिखा दिया है, जो एनडीए के लिए चुनौती बने हुए हैं। जैसे महाराष्ट्र में विभिन्न दलों ने मिलकर भी बढ़ते बावजूद बीजेपी को सरकार नहीं बनाने दी थी।
4. इन राज्यों ने भी दिया संकेत
बीजेपी की राजनीतिक दिशा को देश के अन्य 12 राज्यों से आए उपचुनावों के नतीजों ने भी मुहर लगा दी है। इससे बीजेपी और खास तौर पर पीएम मोदी की लहर को अब भी बरकरार रखने का संकेत भी दिया है।
5. तेजस्वी का रानीतिक भविष्य
बीजेपी के लिए भले ही खुशी देने वाले नतीजे रहे हों, लेकिन तेजस्वी ने अपनी युवा सोच के साथ जनता के बीच जबरदस्त जगह बनाई। सधी हुई राजनीति और सटीक मुद्दों को लेकर वे जनता के बीच उतरे और इसका अच्छा परिणाम भी उन्हें मिला। ये परिणाम बताता है कि उनका राजनीतिक भविष्य सुनहरा है।
6. कांग्रेस के लिए मंथन का वक्त
कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन प्रदर्शन एक बार फिर निराशाजनक रहा। पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस ज्यादा सीटों पर लड़ी पर कमाल नहीं दिखा पाई। ऐसे में पार्टी के लिए बार फिर मंथन का वक्त आ चुका है। आखिर कांग्रेस चूक कहां हो रही है? चुनाव दर चुनाव पार्टी पिछड़ रही है।
7. स्टार प्रचारकों की कमी
बिहार चुनाव में कांग्रेस के सामने स्टार प्रचारकों की कमी भी बड़ी वजह रही खराब प्रदर्शन की। ना तो प्रियंका और ना ही सोनिया गांधी बिहार पहुंची। इसके अलावा दिग्गज नेता भी बिहार से दूर ही रहे। इसका असर परिणामों पर दिखा।
8. आगामी चुनावों पर असर
बिहार समेत अन्य राज्यों के उपचुनावों ने बीजेपी का पलड़ा एक बार फिर भारी कर दिया है। इसका असर पश्चिम बंगाल समेत आगामी विधानसभा चुनावों पर दिखाई देगा।
9. नोटबंदी के बाद कोरोना संकट को भी हरी झंडी
नोटबंदी को जिस तरह जनता ने स्वीकार करते हुए बीेजेपी को यूपी समेत अन्य राज्यों में बहुमत दिया। बिहार के नतीजे भी यही दर्शा रहे हैं कि कोरोना संकट में केंद्र के मैनेजमेंट को भी हरी झंडी मिल गई है।
10. मुद्दों की तलाश
लोकसभा चुनाव में रफाल समेत कई मुद्दों को जनता ने सिरे से नकार दिया। बिहार में भी रोजगार से लेकर अन्य मुद्दे विरोधियों ने उठाए लेकिन वो करिश्मा नहीं दिखा पाए जिसकी उम्मीद थी। ऐसे में आगामी चुनावों में मुद्दों की तलाश भी राजनीतिक दलों के लिए अहम होगी।
Updated on:
10 Nov 2020 11:21 pm
Published on:
10 Nov 2020 11:00 pm
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