
बिहार: जेडीयू और 'हम' ने किया गरीब सवर्णों के आरक्षण फैसले का स्वागत, कांग्रेस ने बोला हमला
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सवर्णों को आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव का पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और जनता दल (युनाइटेड) ने जहां स्वागत किया है वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) व कांग्रेस ने इसे चुनावी हथकंडा बताया है। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता और विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सिद्धांत रूप से इस बात की पक्षधर है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिले, लेकिन मंत्रिमंडल के फैसले पर कोई सरकार इसे लागू नहीं करा सकती। उन्होंने इसे चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि केंद्र का यह फैसला छलावा है। यह गरीब सवर्णों का मजाक उड़ाने की कोशिश है। उन्होंने इसे संवैधानिक प्रावधान के तहत करने की बात कही।
राजद और कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि 'हम' प्रारंभ से ही गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के पक्षधर हैं। उन्होंने आरक्षण की सीमा 10 से 15 प्रतिशत करने की मांग की। उधर, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस मामले पर कोई सीधी प्रतिक्रिया देने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की इतनी ही चिंता है तो अपने वादे के अनुसार सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये अब तक क्यों नहीं डाले गए।
तेजस्वी ने सवाल किया कि केंद्र सरकार आखिर जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है? इधर, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सवर्ण आयोग का गठन कर इसकी शुरुआत पहले ही कर दी थी।
Updated on:
08 Jan 2019 09:12 am
Published on:
08 Jan 2019 07:31 am
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