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Bihar Politics: विरोध प्रदर्शन के बीच लालू के करीबी ने राहुल-तेजस्वी को दे दी अहम सलाह, नए दांव से बिहार चुनाव में पलट सकती है बाजी!

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध में प्रदर्शन जारी है, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए। इसी दौरान राजद नेता शिवानंद तिवारी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को अहम सलाह दी है, जिससे विपक्ष को आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा लाभ मिल सकता है।

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पटना

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Mukul Kumar

Jul 09, 2025

तेजस्वी यादव और राहुल गांधी, व वामदल के नेता। फोटो साभार- कांग्रेस

बिहर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए हैं। इस बीच, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी नेता शिवानंद तिवारी ने राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को एक अहम सलाह दे दी है। ऐसा माना जा रहा है कि नए दांव से बिहार चुनाव में विपक्ष को बड़ा फायदा मिल सकता है।

तिवारी बोले- पुलिस रोके तो वहीं धरने पर बैठ जाएं

तिवारी ने कहा कि मेरा दोनों (राहुल-तेजस्वी) के लिए एक विनम्र सुझाव है। अगर आप दोनों चुनाव आयोग के गेट तक पहुंच जाएं, तो वहीं धरने पर बैठ जाएं। अगर रास्ते में पुलिस आपको रोके, तो वहीं धरने पर बैठ जाएं। अगर पुलिस आपको हिरासत में ले, तो जमानत न लें। अगर ऐसा हुआ, तो देश का माहौल बदल जाएगा।

दूसरी ओर, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश में जब भी कोई संकट आया है, वे हमेशा सड़कों पर खड़े रहे हैं और वर्तमान मतदाता सूची सत्यापन अभियान लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है।

राजेश राम ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी खुद इस लड़ाई में हमारे साथ खड़े हैं। यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि आम लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का संकल्प है।

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि विपक्ष चुनाव आयोग की उस प्रक्रिया पर बौखला गया है, जिसमें 7।8 करोड़ मतदाताओं को कुछ ही हफ्तों में यह साबित करना होगा कि वे देश के असली नागरिक हैं।

कांग्रेस के अनुसार, बिहार जैसे राज्य में, जहां गरीबी और कम शिक्षा के कारण दस्तावेजों के बारे में जागरूकता कम है, लगभग 3 करोड़ मतदाताओं को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए आम तौर पर उपलब्ध राशन कार्ड, आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र के बजाय 11 दस्तावेज देने होंगे।

विपक्ष की मांग है कि संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया को विधानसभा चुनाव के बाद तक स्थगित कर दिया जाए।

महागठबंधन का तर्क है कि मतदाता सत्यापन के लिए 11 विशिष्ट दस्तावेजों की अनिवार्यता से करोड़ों गरीब और हाशिए पर पड़े मतदाता वोटर लिस्ट से बाहर हो सकते हैं। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया है।