
जेडीयू के बाद अब शिवसेना भी हुई मोदी सरकार से नाराज, हाईकमान को भेजा संदेश
नई दिल्ली।लोकसभा चुनाव मे प्रचंड बहुमत के बाद केंद्र में वापस लौटी मोदी सरकार का अभी एक दिन भी पूरा नहीं हुआ कि सहयोगी दलों ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। एनडीए के घटक दल जेडीयू की नाराजगी के बाद अब शिवसेना ने भी मोदी सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, शिवसेना नई सरकार में पार्टी के सांसद अरविंद सावंत को भारी उद्योग मंत्रालय मिलने से नाराज है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि शिवसेना भाजपा का सबसे पुरान सहयोगी दल है। ऐसे में उसको कम से कम तीन कैबिनेट मंत्री का पद देना चाहिए था।
टेलिकम्युनिकेशन, हेल्थ या रेलवे जैसा अहम मंत्रालय चाहिए
शिवसेना की ओर से कहा गया कि अगर ऐसा संभव नहीं तो उनको टेलिकम्युनिकेशन, हेल्थ या रेलवे जैसा अहम मंत्रालय दिया जाना चाहिए था। लेकिन इस सरकार में भी शिवसेना को वही मंत्रालय दिया गया, जो उसको पिछली सरकार में दिया गया था। गौरतलब है कि पिछले 21 साल में शिवसेना को केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्रालय 5 बार मिल चुका है।
मंत्रालयों का बंटवारा प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार
पार्टी नेता के अनुसार 1998 में बालासाहेब विखे पाटिल, इसके बाद 1999 में मनोहर जोशी और फिर 2004 में सुबोध मोहिते को इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। जबकि इसके बाद 2014 से 2019 तक भी यही सिलसिला जारी रहा और अनंत गीते को भी यही विभाग सौंपा गया। वहीं, शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि उनकी ओर से मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर कोई मुद्दा नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों का बंटवारा प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है।
चुनाव में शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत
आपको बता दें कि हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि राज्यसभा में पार्टी के 4 सांसद हैं। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 288 मेंबर्स हैं।
Updated on:
01 Jun 2019 03:37 pm
Published on:
01 Jun 2019 02:23 pm
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