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दिल्ली सरकार ने बंद की कैबिनेट मीटिंग की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, भाजपा ने उठाए सवाल

विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली कैबिनेट की मीटिंग में सीसीटीवी रिकॉर्डिंग अचानक बंद करने पर केजरीवाल से 3 सवाल पूछे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार पर पारदर्शिता से मुकरने का आरोप लगाते हुए पूछा कि कैबिनेट मीटिंग की रिकार्डिंग क्यों बंद करवा दी गई!

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दिल्ली सरकार ने बंद की कैबिनेट मीटिंग की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, भाजपा ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कैबिनेट मीटिंग की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग बंद किए जाने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है। सदन में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार हमला करते हुए कहा कि एक तरफ तो स्कूलों मे सीसीटीवी लगाकर पारदर्शिता की बात कर रही है तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछली दो कैबिनेट मीटिंग की सीसीटीवी रिकार्डिंग नहीं करवाई है।

विजेंदर गुप्ता ने पूछे ये सवाल

विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली कैबिनेट की मीटिंग में सीसीटीवी रिकॉर्डिंग अचानक बंद करने पर केजरीवाल से 3 सवाल पूछे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार पर पारदर्शिता से मुकरने का आरोप लगाते हुए पूछा कि कैबिनेट मीटिंग्स की रिकार्डिंग क्यों बंद करवा दी गई! इससे सरकार को क्या लाभ है! क्या ऐसा मीटिंग्स में होने वाली मारपीट को बाहर आने देने से रोकना है? विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 19 फरवरी को केजरीवाल के घर पर मुख्य सचिव से मारपीट की घटना के पश्चात यह घोषणा की गई थी कि दिल्ली कैबिनेट की मिटिंग की सीसीटीवी रिकार्डिंग होगी। लेकिन उसके बाद हुई बैठकों में सीसीटीवी रिकॉर्डिंग क्यों नहीं कराइ गई।

केजरीवाल की मंशा पर सवालिया निशान

विजेंदर गुप्ता ने कहा कि पूरे प्रकरण से सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगता है और उसके कथित पारदर्शिता के दावे पर भी पर भी सवालिया निशान लगते है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर लोगों की अपेक्षाओं पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए अपने सभी वादों से मुकर रही है जो उसने अपने चुनावी घोषणा पत्र में की थी।

मुख्य सचिव से मारपीट के बाद हुआ था सीसीटीवी लगाने का फैसला

बता दें कि 19 फरवरी 2018 की रात मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को केजरीवाल के आवास कैबिनेट मीटिंग के दौरान मारने पीटने का आरोप लगाया गया था। राशन कार्ड व अन्य मुद्दों पर मीटिंग के लिए आए अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मीटिंग के दौरान कुछ आप विधायकों ने उसके साथ हाथापाई की और इस पूरी घटना के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तमाशा देखते रहे। इसके बाद से ही अधिकारीयों ने दिल्लीम सरकार के मंत्रियों की बैठकों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। इसके विरोध में केजरीवाल व उनके कैबिनेट तीन सहयोगियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय ने 10 दिनों तक एलजी हाउस में धरना भी दिया था।