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नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास से पहले ही भारत में सियासी पारा गर्मा गया है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पहले ही राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। ऐसे में करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास ने देश के दो प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा को एक और मुद्दा थाली में सजा कर दे दिया है। जरिया भले ही करतारपुर कॉरिडोर हो लेकिन राजनीतिक दलों के तरकश तीर वहीं पुराने हैं।
'कांग्रेस का चरित्र आया सामनेे'
दरअसल पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास मौके वहां गए पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर भाजपा ने पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि सिद्धू की 'रफाल टिप्पणी' कांग्रेस के चरित्र को दिखाती थी। दरअसल सिद्धू ने एक सवाल के जवाब में कहा था, 'मेरी झप्पी एक सेकंड की थी। मेरी झप्पी रफाल डील नहीं है।' सिद्धू के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए बीजेपी ने कहा, 'पागलपन संक्रमण है। सिद्धू राहुल गांधी के राफेल खरीद के झूठ को पाकिस्तान लेकर गए हैं। उन्हें वहां सहयोगी मिल गया है।'
बीजेपी ने लगाया बड़ा आरोप
इसके अलावा बीजेपी ने कहा, 'कांग्रेस ने सिद्धू के जरिए अपने रफाल अभियान को पाकिस्तान भेजा है। सिद्धू ने वहां भारत सरकार के खिलाफ व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और पाकिस्तान के पीएम को फरिश्ता बताया।' बीजेपी का ट्वीट नवजोत सिंह सिद्धू की पाकिस्तान में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ घंटे बाद आया है।
'झप्पी का नतीजा करतापुर कॉरिडोर'
सिद्धू के पाकिस्तान जाने के फैसले की जहां विपक्ष आलोचना कर रहा है, वहीं उनकी खुद की पार्टी के कुछ लोग दबे सुर में उनके पाक जाने को ठीक नहीं मान रहे हैं। सिद्धू का कहना है कि यह उनकी पाक आर्मी चीफ को झप्पी का नतीजा है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के लिए काम करने के लिए तैयार हो गया है।
Published on:
28 Nov 2018 08:47 am
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