
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का संकेत दे दिया है। उनके इस कदम के बाद से ही जहां कई पार्टियां उनके समर्थन में हैं को कई दल इसका विरोध कर रहे हैं। इस बीच तेलंगाना की पार्टी बीआरएस ने UCC का विरोध करने का फैसला लिया है। पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री केसीआर का कहना है कि अगर संसद में समान नागरिक संहिता पेश किया जाता है तो उनकी पार्टी बिल का विरोध करेगी।
UCC के नाम पर देश को बांटनी चाहती है BJP- KCR
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीआरएस केंद्र सरकार के उन सभी फैसले का विरोध करेगी जो देश की अखंडता के लिए हानिकारक है। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पिछले नौ वर्षों में देश के विकास और कल्याण को नजरअंदाज कर दिया है। भाजपा अलग-अलग तरीकों से लोगों को परेशान कर रही है।
यूसीसी के नाम पर लोगों को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। भारत की एकता दुनिया में एक मिसाल है। इसलिए इसकी रक्षा करने के लिए बिल को खारिज करना आवश्यक है। भाजपा बिल पेश करके लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है।
देश की धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करना चाहती है BJP- ओवैसी
मुख्यमंत्री केसीआर से मुलाकात के बाद AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा यूसीसी के नाम पर देश की धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करना चाहती है। यूसीसी सिर्फ मुसलमानों का ही नहीं बल्कि ईसाइयों, आदिवासियों और हिंदुओं का भी मुद्दा है। अगर यूसीसी लागू होता है तो हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम सहित अन्य कानून अस्तित्व में नहीं रहेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “यूसीसी देश की सुंदरता और संस्कृति को खत्म कर देगा। अगर यूसीसी लागू किया जाएगा तो देश का बहुलवाद समाप्त हो जाएगा जो अच्छी बात नहीं है। पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस को बहुलवाद पसंद नहीं है जो हमारे देश की खूबसूरती है।”
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
बता दें कि अभी तक देश में हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए अपने-अपने कानून हैं। हिंदुओं के लिए हिंदू मैरिज एक्ट है। वहीं, मुसलमानों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ है। यूनिफॉर्म सिविल कोड आने के बाद सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे।
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Published on:
11 Jul 2023 09:06 am
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