नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि व्यापक सर्वे हो, जिससे सामाजिक, शिक्षा, राजनीतिक, आर्थिक हालात का पता चले। जब तक इनको जनगणना में शामिल नहीं करोगे, तब तक सच्चाई कैसे सामने आएगी। उन्होंने कहा कि खानापूर्ति और मुद्दा खत्म करने के लिए सरकार ने जनगणना में जाति का नाम डाला है। पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार की जाति जनगणना को लेकर नीयत साफ नहीं है।
पायलट ने यह बातें मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कही। पायलट ने कहा कि कांग्रेस और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लंबे समय से मांग रखी थी कि देश में जब भी जनगणना हो, उसमें जातिगत जनगणना कराई जाए। यह मांग सडक़ से संसद तक उठाई है। इस मांग का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब हमारे पास आंकड़े होंगे, तभी हम देश के हर वर्ग, हर व्यक्ति को नीति निर्माण से जोड़ सकेंगे और उन्हें इसका फायदा मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जाति जनगणना पर हमारा मजाक उड़ाकर कोसते रहे। लेकिन भारी विरोध के बाद सरकार ने अचानक हमारी मांग को मानते हुए जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया। हालांकि, सरकार लोगों के सामने कह रही है कि वह जातिगत जनगणना कराएगी, लेकिन औपचारिक नोटिफिकेशन से यह बात गायब है।
पायलट ने कहा कि जहां जनगणना कराने में 8-10 हजार करोड़ रुपए खर्च होते हैं, वहां सरकार ने 570 करोड़ रुपए बजट में आवंटित किए हैं। इससे सरकार की नीयत का पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 में सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि जनगणना के साथ जाति जनगणना का कोई निर्णय नहीं किया गया है। वहीं सितम्बर 2021 में सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने एफिडेविट देकर कहा कि जाति जनगणना अलग रहेगी। सिर्फ एससी, एसटी को शामिल किया जाएगा। जाति जनगणना की मांग पर अप्रेल 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस को अर्बन नक्सलियों की सोच वाले लोग बता दिए। यह जो पूरा घटनाक्रम है, जिससे पता चलता है कि जनता के बीच भ्रम कौन फैला रहा है।
पायलट ने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए जातिगत जनगणना में देरी कर रही है। ये वैसा ही कदम है, जैसे महिला आरक्षण के साथ किया गया। सरकार को इस पर राजनीति बंद कर प्रभावी ढंग से काम करना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना के लिए तेलंगाना मॉडल को अपनाना चाहिए।
1. देश में अलग-अलग वर्ग के लोग किन स्थितियों में रह रहे हैं?
2. लोग सरकार की योजनाओं का लाभ ले पा रहे हैं या नहीं?
3. लोगों की देश और संस्थाओं में कितनी भागीदारी है?
4. देश के लोगों की शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति क्या है?08:20 AM
Published on:
18 Jun 2025 09:38 am