मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने मुख्यमंत्री के दिल्ली रवाना होने की पुष्टि तो की है लेकिन कहा कि उनके दिल्ली जाने में कोई असामान्य बात नहीं है।
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जो मंत्री पहले ही राजधानी में मौजूद हैं उनमें अरविंद पांडेय, सतपाल महाराज और सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनके अलावा पूर्व सांसद बलराज पासी, विधायक खजान दास, हरबंस कपूर, हरभजन सिंह चीमा भी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
इनके अलावा संसद सत्र की वजह से मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा व अन्य सांसद पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। यही वजह है कि प्रदेश के दिग्गज नेताओं के दिल्ली में होने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
रावत ने रद्द किए कार्यक्रम
सोमवार को रावत के गैरसैंण और देहरादून में कई कार्यक्रम थे लेकिन दिल्ली से आए बुलावे के बाद उनके सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। मंत्रिमंडल विस्तार से उठा विवाद
मंत्रिमंडल विस्तार सहित कुछ बातों को लेकर प्रदेश बीजेपी विधायकों में असंतोष की बातें गाहे बगाहे उठती रही हैं, लेकिन प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों ने शनिवार शाम तब जोर पकड़ लिया जब बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी मामलों के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम देहरादून पहुंचे और कोर ग्रुप की बैठक हुई।
बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था। बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री रावत को तुरंत गैरसैंण से वापस देहरादून आना पड़ा. आनन-फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए समाप्त कर दिया गया।
बैठक और उसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी उपाध्यक्ष और महासचिव व राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम की उपस्थिति ने राज्य सरकार में कुछ बड़े परिवर्तन की अटकलों को हवा दे कर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा दिया है।
बंगाल में हाई हुआ सियासी पारा, ममता बनर्जी को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने कह डाली इतनी बड़ी बात रमन सिंह और गौतम सांसदों और विधायकों से हुई अलग-अलग बातचीत का ब्यौरा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेंगे।
दरअसल सांसदों और विधायकों से बातचीत में नेताओं से रावत के विकल्प को लेकर सवाल किए गए हैं। यही वजह ह कि प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है।