
बिहार सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Chief minister Nitish Kumar ) ने चमकी बुखार ( chamki bukhar ) से हुई बच्चों की मौत पर पहली बार बिहार विधानसभा में सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से मौतों में कमी आई है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस विषय पर दुख व्यक्त करना काफी नहीं है। यह एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है।
चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) को लेकर कई बैठकें पहले भी हो चुकी हैं। 2015 में एम्स पटना में भी एक बैठक हुई थी। लेकिन इस मुद्दे पर विभिन्न विशेषज्ञों ने अलग-अलग विचार रखा था।
सीएम ने कहा कि 2014 से इस बीमारी के कारणों को लेकर अनुसंधान कार्य जारी है। इसकी रिपोर्ट अमरीका भेजी गई है। बिहार सरकार ने इस बीमारी से बचाव के लिए पूरी कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) पर रिसर्च के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा
इससे पहले बिहार विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार पांडे ने चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) पर बयान दिया। मंगल पांडे के बयान के दौरान विपक्ष ने सदन में हंगामा खड़ा कर दिया। विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम नीतीश कुमार को हस्तक्षेप करना पड़ा। उनके जवाब के दौरान भी विपक्ष के नेताओं ने सदन में हंगामा मचाया।
चमकी बुखार से हुई 154 बच्चों की मौत
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बिहार विधानसभा में आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि 28 जून तक चमकी बुखार ( Chamki Bukhar ) से पीडि़त 720 बच्चे अस्पतालों में भर्ती किए गए। जिनमें से 586 का इलाज किया गया। जबकि 154 बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2011 से 2019 तक के आंकड़े देखें तो बच्चों की मौत का यह आंकड़ा 21 फीसदी घटा है।
सीएम से इस्तीफे की मांग
बिहार विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायकों ने सोमवार को विधानसभा के बाहर हंगामा किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की। आरजेडी ने चमकी बुखर को लेकर बिहार विधानसभा में एक स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया है।
Updated on:
01 Jul 2019 04:47 pm
Published on:
01 Jul 2019 02:40 pm
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