
नई दिल्ली। विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया है। शुक्रवार को कांग्रेस की अगुवाई में हुई बैठक में सात विपक्षी दलों ने महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई। इन दलों के 71 सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने यह प्रस्ताव उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा।
उपराष्ट्रपति से मुलाकात
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य सभा के सात सियासी दलों की ओर से सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव उपराष्ट्रपति को सौंपा गया है। कांगेस नेता ने कहा कि 71 सांसदों के हस्ताक्षर वाला यह प्रस्ताव राज्यसभा में जल्द से जल्द स्वीकार किया जाए। आजाद ने कहा कि यह प्रस्ताव पांच मुख्य बिंदुओं के आधार पर तैयार किया गया है।
इन दलों ने किया समर्थन
सीजेआई खिलाफ महाभियोग को लेकर कांग्रेस को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम व मुस्लिम लीग का समर्थन मिला है, जबकि टीएमसी व आरजेडी फिलहाल अपना अलग मत बनाए हुए हैं। उनकी ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है।
सीजेआई के कार्यकाल में गलत फैसले
वहीं, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अपने बयान में कहा कि संविधान में दिए अधिकार के अनुसार यदि कोई न्यायधीश दुर्व्यवहार पर उतर आता है, तो संसद उसकी जांच करा सकती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब से दीपक मिश्रा ने मुख्य न्यायधीश का पदभार संभाला तब से कुछ ऐसे फैसले लिए गए जो ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले चार जजों भी सीजेआई के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। सिब्बल ने कहा कि हमारे पर महाभियोग के आलाव अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था।
Published on:
20 Apr 2018 01:57 pm
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