
कांग्रेस का आरोप- कोरोना से हो रही मौतों की वास्तविक संख्या छिपा रहा केंद्र, इस राज्य का दिया उदाहरण
नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी ( Coronavirus Crisis ) की दूसरी लहर भयंकर तबाही मचा रही है। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और यूपी समेत कई राज्य कोरोना वायरस के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित है। इस बीच हॉस्पिटलों में बेड्स और ऑक्सीजन की किल्लत के भी मामले सामने आ रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ( Congress leader P Chidambaram ) और शक्ति सिंह गोहिल ने केंद्र सरकार के साथ गुजरात सरकार ( Gujarat Government ) पर भी निशाना साधा है। कांग्रेस नेताओं ने एक समाचार पत्र में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि इससे पूरे गुजरात में सदमे की लहर दौड़ गई थी। इस खबर में बताया गया था कि गुजरात में इस साल एक मार्च से 10 मई के बीच लगभग 1,23,000 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हुए, जबकि 2020 में इस अवधि में केवल 58,000 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुए थे।
महामारी या फिर प्राकृतिक आपदा
इस बीच लगभग 65,000 मृत्यु प्रमाणापत्रों का इजाफा न केवल कई मायनों में चौकाने वाला है, बल्कि लोगों को पीड़ा भी पहुंचाने वाला है। ऐसा केवल किसी महामारी या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से ही हो सता है। चिदंबरम ने कहा कि गुजरात सरकार ने इस साल एक मार्च 2021 से 10 मई के दोरा अधिकारिक रूप से केवल 4218 मौतों की बात ही स्वीकार की है। जबकि सरकारी आंकड़े और मृत्यु प्रमाणपत्रों की संख्या में भारी अंतर है। कांग्रेस नेता ने कहा कि गुजरात सरकार को कोविड से सरकारी मौतों कें आंकड़ों और मृत्यु प्रमाणपत्रों की संख्या के बीच भारी अंतर को लेकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
गंगा नदी से सैकड़ों की संख्या में लोगों के शव बरामद
उन्होंने कहा कि गंगा नदी से सैकड़ों की संख्या में लोगों के शव बरामद हुए हैं, इसके रेत में भी भारी संख्या में दबे हुए शव मिले हैं। ऐसे में यह बात सीधे-सीधे समझ आ रही है कि केंद्र कुछ राज्यों के साथ मिलकर कोविड से मारे जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या को दबा रही है। कांग्रेस नेता ने इसको एक राष्ट्रीय त्रासदी के साथ ही एक गंभीर अपराध भी बताया। उन्होंने इस मामले को लेकर केंद्र और गुजरात दोनों से स्पष्टीकरण देने की मांग की है। चिदंबरम ने कहा कि सभी राज्यों को पिछले साल और इस साल जारी किए गए मृत्यु प्रमाणपत्रों को एनएचआरसी में जमा करना चाहिए, ताकि पूरे देश की तस्वीर सामने आ सके।
Updated on:
15 May 2021 10:38 pm
Published on:
15 May 2021 10:28 pm
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