
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव ( bihar assembly election ) के नतीजों में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। इन नतीजों के साथ ही साफ हो जाएगा कि आखिर बिहार की जनता ने सत्ता की चाबी किसके हाथ में सौंपी है। नतीजों से पहले राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। महागठबंधन जहां तेजस्वी के चेहरे के साथ अपने प्रदर्शन के आधार पर जीत के लिए आश्वस्त है, वहीं एक बार फिर मोदी के नाम पर एनडीए बिहार में अपना सिक्का जमाने का मन बना रही है।
लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के लिए एक बड़ी चिंता सामने खड़ी है। कांग्रेस को बीजेपी का डर सता रहा है। यही वजह है कि नतीजों से पहले ही पार्टी के दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला ने बिहार में अपना डेरा जमा लिया है। आईए जानते हैं क्या है ये डर...
कांग्रेस को इस बात का सता रहा डर
बिहार में चुनावी परिणामों से पहले कांग्रेस के बीजेपी का डर सता रहा है। ये डर अपने विधायकों की खरीद फरोख्त का। दरअसल कांग्रेस हर विधानसभा चुनाव में बीजेपी पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाती आई है। फिर चाहे वो दक्षिण के चुनाव हों, महाराष्ट्र का रण हो या फिर मध्य प्रदेश और राजस्थान की चुनावी बिसात। बीजेपी और कांग्रेस के बीच विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप-प्रत्यारोप लगता रहा है।
एक बार फिर कांग्रेस बिहार नतीजों से पहले अपने विधायकों को लेकर डरी हुई है। कांग्रेस को डर है कि कहीं बीजेपी नतीजों में अपना पलड़ा कमजोर देखते हुए कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने में ना जुट जाए।
सोनिया ने भेजे दो दिग्गज
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के दो वरिष्ठ नेता पार्टी महासचिव अविनाश पांडेय और रणदीप सिंह सुरजेवाला को पटना भेजा है।
इन दोनों ही नेताओं को चुनाव नतीजों के बाद पार्टी के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल एग्जिट पोल में जेडीयू के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच करीबी लड़ाई का अनुमान लगाया गया है।
यही वजह है कि विरोधी खेमे की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास के डर के चलते पार्टी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है।
Updated on:
09 Nov 2020 03:49 pm
Published on:
09 Nov 2020 01:45 pm
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