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दिल्‍ली के आर्कबिशप का चर्चों से खतरनाक आह्वान, पीएम मोदी के खिलाफ चलाएं अभियान

आर्कबिशप ने धर्म के आधार पर देश भर के चर्चो से सरकार के खिलाफ लोगों में जागरूक करने का निर्देश दिया।

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Dhirendra Kumar Mishra

May 22, 2018

nc shiana

दिल्‍ली के आर्कबिशप का चर्चों से खतरनाक आह्वान, पीएम मोदी के खिलाफ चलाएं अभियान

नई दिल्‍ली। भारत में कार्यरत क्रिश्चियन मिशनरियों में से एक दिल्ली के आर्किडोसिस के आर्कबिशप अनिल कूटो के खतरनाक मंसूबे का खुलासा हुआ है। उन्‍होंने देश भर के चर्चों को एक पत्र जारी कर भारत सरकार और हिंदू राष्‍ट्रवाद और पीएम मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाने का आह्वान किया है। पत्र में कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एक नई सरकार के लिए चर्चों में प्रार्थना सभाओं का आयोजन करें। साथ ही इस बात को लेकर एक अभियान चलाएं ताकि देश के मतदाता वर्तमान सरकार के खिलाफ मतदान करने के लिए प्रेरित हों। आर्कबिशप के इस पत्र को आप भारतीय राष्‍ट्रवाद के खिलाफ एक खुला पत्र भी मान सकते हैं। ऐसा इसलिए कि पत्र के जरिए देश भर के चर्चों को प्रबंधकों से धर्मनिरपेक्षवाद और छद्म धर्मनिरपेक्षवाद के आधार पर यह अभियान चलाने को कहा गया है।

धर्म के आधार पर लोगों को उत्‍तेजित करना दुर्भाग्‍यपूर्ण
इस पत्र का खुलासा होने के बाद भाजपा प्रवक्‍ता एनसी शायना ने इस पत्र को लेकर सख्‍त एतराज जताया है। उन्‍होंने कहा कि आर्कबिशप लोकसभा चुनाव के बहाने देश भर के लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि आर्कबिशप किसी खास पार्टी या प्रत्‍याशी को वोट देने के लिए कह सकते हैं लेकिन धर्म के आधार पर इस तरह से लोगों को सरकार के खिलाफ उत्‍तेजित करना दुर्भाग्‍यपूर्ण और खतरनाक है। उन्‍होंने कहा कि अनिल कूटो का यह पत्र आपत्तिजनक है। वह इस मुद्दे को पार्टी मंच पर उठाएंगे और देश के चर्चों सरकार के खिलाफ जारी अभियान से अवगत कराएंगे।

आर्कबिशप मैकवान ने भी किया था आह्वान
ऐसा ही पत्र आपको बता दें कि गुजरात चुनावों के दौरान भी गांधीनगर आर्कबिशप थॉमस मैकवान ने राष्ट्रवादी ताकतों के खिलाफ पत्र लिखा था। अपने पत्र में उन्‍होंने चर्चों से अपील की थी कि वे गुजरात सरकार को हराने का काम करें। मैकवान ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया था कि भारत में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्‍होंने राष्‍ट्रवादी ताकतों के खिलाफ अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों को चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर अल्‍पसंख्‍यकों के लिए भारत में रहना मुश्किल हो सकता है। मैकवान का पत्र जारी होने के बाद गुजरात चुनाव के दौरान बड़ा बवाल मचा था। विवादों में आने के बाद आर्कबिशप मैकवान ने सफाई देते हुए दावा किया था कि पत्र के पीछे उनका कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं है। हम हमेशा लोगों से एक अच्छे इंसान को नेता के चुनने के लिए प्रार्थना करने की अपील करते हैं। उन्‍होंने कहा कि गुजरात में 0.5 प्रतिशत आबादी ईसाइयों की है। इसलिए हमारा मकसद चुनाव को प्रभावित करना नहीं है।