
दिल्ली सेवा विधेयक सोमवार को देर रात राज्यसभा में हुए मतदान के बाज 131/102 के बहुमत से पास कर दिया गया। इससे विपक्ष के I,N.D.I.A. गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। इसके पीछे कारण माना जा रहा था कि अगर विपक्ष एकमत होकर इस विधेयक को अगर राज्यसभा में रोकने में कामयाब हो जाता है तो ये उनके लिए किसी बड़ी जीत और NDA के लिए एक बड़ी चिंता बनकर सामने आती। लेकिन विपक्ष इस बिल को राज्यसभा में रोकने में नाकामयाब रहा। इससे सबसे बड़ा झटका बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार को लगा हैं। इनके अलावा मतदान के समय विपक्ष के कई नेताओं का सदन से गायब रहना भी विपक्ष के लिए शुभ संकेत तो नहीं हो सकता।
हरिवंश के फैसले से नीतीश नाराज
जदयू सूत्रों का कहना है कि इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद नाराज हैं। पार्टी ने पहली बार उन्हें व्हिप जारी कर विधेयक के विरोध में वोट देने का निर्देश दिया था। जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह साफ है कि विधेयक का साथ देने के लिए उन्होंने आसन पर आसीन होने का बहाना बनाया। इससे भले ही उनके खिलाफ व्हिप के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई नहीं हो सकती, मगर ऐसा कर हरिवंश ने अपनी निष्ठा स्पष्ट कर दी है।
जद(एस)-टीडीपी से नहीं टूटा संपर्क
राज्यसभा में जद(एस) के इकलौते सांसद एचडी देवगौड़ा ने भी मतदान से दूरी बनाई, जबकि टीडीपी ने विधेयक के पक्ष में वोट दिया। टीडीपी ने अविश्वास प्रस्ताव पर भी सरकार का साथ देने की घोषणा की है। इससे संकेत मिले हैं कि लोकसभा चुनाव में इन दोनों दलों की भाजपा से गठबंधन की संभावना खत्म नहीं हुई है। हालांकि, टीडीपी-भाजपा गठबंधन में वाईएसआरसीपी का भी पेंच है। आंध्र प्रदेश की दोनों प्रतिद्वंद्वी पार्टियां टीडीपी और वाईएसआरसीपी भाजपा के पक्ष में खड़ी है। इसके अलावा सीधे समर्थन करने में असमर्थता जताने वाले सांसदों को मतदान से दूर रहने के लिए मनाया।
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Published on:
09 Aug 2023 09:53 am
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