मुंबई। महाराष्ट्र में चार सालों तक राजनीतिक अज्ञातवास झेलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ( Eknath Khadse ) ने बुधवार को पार्टी छोड़ से इस्तीफा दे दिया है। खडसे ने कहा कि वह केवल पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कारण पार्टी छोड़ रहे हैं। पार्टी छोड़ने के साथ ही अब खडसे शुक्रवार को शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल होंगे। खडसे ने इस्तीफा देने के बाद आरोप लगाया कि उनपर फडणवीस ने वह आरोप लगाए थे जो अब तक साबित नहीं हुए हैं।
परिवार को नीचा दिखाया
खडसे ने बुधवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, "चार वर्षों तक मुझे और मेरे परिवार को नीचा दिखाया गया। मैंने प्रदेश में पार्टी बनाने के लिए 40 वर्षों तक काफी मेहनत की और इस रूप में मुझे इसका सिला मिला।"
भ्रष्टाचार के लगे थे आरोप
बता दें कि जून 2016 में भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से एकनाथ खडसे को देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वालेआरो महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल को छोड़ना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव में भी खडसे को पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिया गया।
खडसे यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि पद छोड़ने के बाद कांग्रेस, शिवसेना या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसी ने भी उनके खिलाफ जांच किए जाने की मांग नहीं उठाई, बावजूद इसके भाजपा ने उन्हें नीचा दिखाया।
जांच में नहीं आया कुछ
खडसे ने फिर बताया, "मेरे खिलाफ कई एजेंसियों ने जांच की, लेकिन कुछ भी सामने नहीं आया। इसके बाद एक महिला ने मुझपर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया। इस बारे में फडणवीस का कहना था कि मेरे खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। यह मेरे खिलाफ की गई बेहद निचले स्तर की राजनीति थी।"
महाराष्ट्र के कद्दावर नेता
68 वर्षीय खडसे महाराष्ट्र में भाजपा के उन कद्दावर नेताओं में से एक रहे हैं, जिन्हें जमीनी स्तर पर व्यापक समर्थन हासिल था। इतना ही नहीं, उनकी बहू रक्षा निखिल खडसे ने रावेर सीट से वर्ष 2014 और 2019 में दो बार भाजपा के सांसद के रूप में चुनाव जीता। वहीं, खडसे के इस्तीफे का स्वागत करते हुए शिवसेना के नेता किशोर तिवारी ने कहा कि वह काफी लोकप्रिय ओबीसी नेता हैं और उनका पार्टी छोड़ना भाजपा और फडणवीस को काफी भारी पड़ेगा।
Updated on:
21 Oct 2020 10:22 pm
Published on:
21 Oct 2020 08:40 pm