
Farooq Abdullah Objection delimitation commission proposes jammu
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का परिसीमन कर रहे चुनाव आयोग का प्रस्ताव विपक्षी पार्टियों को कबूल नहीं है। बता दें कि आयोग ने जम्मू में 6 अतिरिक्त सीटें गठित करने के प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा कश्मीर में भी एक सीट बढ़ाने की बात हो रही है। वहीं परिसीमन आयोग ने 16 सीटों के आरक्षण का भी प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में कहा गया कि इन सीटों में से 9 सीटें जनजातीय समुदायों और 7 सीटें दलित वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। वहीं परिसीमन आयोग की इन सिफारिशों पर बवाल मच गया है। इससे विपक्षी पार्टियां काफी नाराज है, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर साइन करने से इनकार कर दिया है।
जबकि पीडीपी ने भी आयोग की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है। पीडीपी का कहना है कि आयोग भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लिया ये फैसला
बता दें कि परिसीमन आयोग की मीटिंग में पहली बार शामिल हुए फारुक अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अन्य नेताओं ने रिपोर्ट पर आपत्ति जाहिर की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि इसमें सीटें तय करने के मामले में पक्षपात किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पार्टी ने रिपोर्ट पर साइन न करने का फैसला लिया है।
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर विपक्ष को आपत्ति
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के प्रस्तावित इलेक्टोरल मैप को लेकर भाजपा से करीबी रखने वाली पार्टियों जेके अपनी पार्टी और पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। बता दें कि फिलहाल कश्मीर में 46 सीटें आती हैं वहीं जम्मू में 37 सीटें हैं। अब परिसीमन आयोग के नए प्रस्ताव के मुताबिक जम्मू में 43 सीटें हो जाएंगी, जबकि कश्मीर में यह आंकड़ा 47 पर पहुंच जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस रिपोर्ट पर सभी की सहमति है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब्दुल्ला ने मीटिंग में कहा था कि हमें परिसीमन आयोग के बारे में गलत जानकारी दी थी, जबकि आयोग ने बहुत अच्छा काम किया है। आयोग ने अब जम्मू कश्मीर में सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 करने का फैसला लिया है। जिसमें जनसंख्या, जिलों के भूगोल के साथ ही सामाजिक संतुलन को भी ध्यान में रखते हुए ये सिफारिशें दी गई हैं।
Published on:
20 Dec 2021 11:02 pm
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