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अर्थशास्त्र पर शास्त्रार्थः मनमोहन, सिन्हा और चिदंबरम को जेटली ने दिया जवाब, नौकरियों पर भी बोले

जेटली ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर 7.7 फीसदी रही। इससे यह साबित हो गया कि भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

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Jaitley

अर्थशास्त्र पर शास्त्रार्थः मनमोहन, सिन्हा और चिदंबरम को जेटली ने दिया जवाब, नौकरियों पर भी बोले

नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार को लगातार निशाने पर ले रहे देश के तीन दिग्गज पूर्व वित्त मंत्रियों अर्थशास्त्री डॉक्टर मनमोहन सिंह, यशवंत सिन्हा और पी चिदंबरम को मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नाम लिए बिना करारा जवाब दिया है। उन्होंने आंकड़े सामने रखते हुए तीनों के दावों को खारिज कर दिया। जेटली ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर 7.7 फीसदी रही। इससे यह साबित हो गया कि भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही जेटली ने कुछ प्रमुख सेक्टरों का जिक्र करते हुए रोजगार के मसले पर भी जवाब दिया। जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर विस्तार से अपनी बात कही है।

मनमोहन का वार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को सरकार की विफलता करार देते हुए कहा था कि इससे जीडीपी में दो फीसदी की गिरावट आएगी।

जेटली का पलटवार

जेटली ने कहा, 'अर्थव्यवस्था में आधारभूत सुधारों जैसे जीएसटी, नोटबंदी और इनसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कानून (दिवालिया घोषित करने के लिए) से हमारे लिए दो तिमाहियां चुनौतीपूर्ण रहीं। जिन्होंने अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में दो फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था वो गलत साबित हुए।'

यशवंत सिन्हा का वार

अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा था कि मोदी सरकार की नीतियों से देश के लोग गरीब हो जाएंगे।

जेटली का पलटवार

जेटली ने कहा, 'हमने प्रत्येक भारतीय को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया है। अब अतीत की तुलना में भविष्य अधिक उज्ज्वल दिख रहा है। यह रुख अगले कुछ सालों तक जारी रहेगा।

चिदंबरम का 'पेट्रोल' वार

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर छिड़े बवाल के बीच बीते दिनों कहा था कि केंद्र सरकार के लिए पेट्रोल पर टैक्स में 25 रुपए की कटौती करना संभव है लेकिन वह ऐसा करेगी नहीं।

जेटली का पलटवार

जेटली ने कहा कि जब वो खुद वित्त मंत्री थे तो उन्होंने ऐसा नहीं किया था।

...और सबसे बड़े सवाल पर जेटली का जवाब

मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का वादा किया था और अब यही सवाल उसके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन चुका है। जेटली ने कहा कि 'आंकड़ों के विश्लेषण से साफ है कि निवेश बढ़ रहा है। घरेलू निवेश में भी तेजी आई है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी अप्रत्याशित स्तर पर है। कंस्ट्रक्शन सेक्टर दोहरे अंकों के साथ बढ़ रहा है, मैन्युफैक्चरिंग में भी अच्छी वृद्धि हो रही है। हम इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर बहुत पैसा खर्च कर रहे हैं। ये सभी रोजगार देने वाले सेक्टर हैं। इसके साथ ही स्वरोजगार के मामले में भी सकारात्मक माहौल है।'