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गुजरात हिंसा के बाद पलायनः कांग्रेस ने भाजपा को याद दिलाया राजधर्म, उत्तर के बाद मध्य गुजरात में भी बढ़ा तनाव

गुजरात हिंसा के बाद यूपी-बिहार और एमपी के लोगों का नहीं रुक रहा पलायन, कांग्रेस ने भाजपा को याद दिलाया राजधर्म, उत्तर के बाद मध्य गुजरात में भी बढ़ा तनाव

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manish tiwari

गुजरात हिंसा के बाद पलायनः कांग्रेस ने भाजपा को याद दिलाया राजधर्म, उत्तर के बाद मध्य गुजरात में भी बढ़ा तनाव

नई दिल्ली। गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले के मामला अब प्रदेशों के बीच लड़ाई न होकर राजनीतिक दलों का दंगल बन गया है। एक के बाद एक राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहा है। ताजा बयान में कांग्रेस ने आवाज बुलंद की है। कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस बार कांग्रेस ने सरकार को गुजरात हिंसा के बहाने राजधर्म याद दिलाया है।

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राजनीतिक रोटियां सेक रही सरकार
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को राजधर्म का पालन करना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, गुजरात में जो परिस्थिति है वो अत्यंत ही संवेदनशील है। पूरे प्रदेश में एक तनाव का वातावरण है। प्रदेश से यूपी-बिहार और मध्यप्रदेश के 50 हजार से ज्यादा पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। पयालन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार है कि लोगों की सुरक्षा करे बजाय राजनीतिक रोटियां सेक रही हैं।

उत्तर गुजरात के बाद अब मध्य गुजरात पर भी असर
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि गैर गुजारितयों के साथ हिंसा के बाद पलायन की जो स्थिति पहले उत्तर गुजरात तक ही सीमित थी अब मध्य गुजरात में भी उसका असर देखने को मिल रहा है। अहमदाबाद में वारदातें और आणंद में वारदातें पूरी तरह निंदनीय है। इन घटनाओं को देखकर ऐसा लगता है कि गुजरात सरकार इस हिंसा को रोकना ही नहीं चाहती है।

400 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
तिवारी ने एक बार फिर दोहराया कि प्रधानमंत्री मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को 'राजधर्म' का पालन करना चाहिए। आपको बता दें कि 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की एक बच्ची के साथ कथित बलात्कार के बाद छह जिलों में हिंदी भाषी लोगों पर हमलों की कई घटनाएं हुई हैं। राज्य सरकार का कहना है कि हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बलात्कार के मामले में बिहार के एक प्रवासी श्रमिक को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसा की शुरुआत हुई थी।