रामदेव को हिसार की कोर्ट ने नोटिस भेज किया तलब, दलितों पर विवादित बयान देने का आरोप
मुझसे कोई पूछता तो मिलता सही जवाब : राजनाथ सिंह
केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से विपक्ष ऐसा आरोप लगाता रहा है कि प्रतिष्ठित संस्थानों के शीर्ष पदों पर आरएसएस के लोगों की नियुक्ति होती है। इस सवाल के जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से ‘आधारहीन’ है। सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि आरोप पूरी तरह आधारहीन हैं। अगर कोई मेरे पास ऐसे उदाहरण को लेकर आता, तो मैं इन आरोपों पर जवाब देने के लिए बेहतर स्थिति में होता..ये सभी नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की गईं, न कि सिफारिश के आधार पर। साक्षात्कार के दौरान राजनाथ सिंह से शीर्ष पदों जैसे कुलपति के पदों पर आरएसएस के लोगों की नियुक्तियों के संबंध में सवाल पूछा गया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी बात रखी।
लोकतंत्र में विश्वास जरूरी: गृहमंत्री
देश में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का मीडिया के सामने आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के मामले में जो कुछ भी हुआ, सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से कोई भी बयानबाजी नहीं की गई..अब स्थिति सामान्य है। उन्होंने कहा, कि हम एहतियात बरतते हैं कि संस्थानों की मर्यादा कम न होने पाए। एक लोकतंत्र में, अगर इसके संस्थान कमजोर होंगे, तब मैं विश्वास करूंगा कि लोकतंत्र भी कमजोर हो गया है। हम इन संस्थानों की पवित्रता और विश्वसनीयता बनाए रखने की कोशिश करते हैं।