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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अमरनाथ यात्रा के बाद: चुनाव आयोग

2019 के अंत तक हो सकता है जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद चुनावी कार्यक्रमों का ऐलान संभाव जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 87 सीटें, 21 मई 2018 से लागू है राज्यपाल शासन

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Election Commission

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अमरनाथ यात्रा के बाद: चुनाव आयोग

नई दिल्ली।जम्मू कश्मीर ( jammu kashmir ) में विधानसभा चुनाव के लिए एकबार फिर सुगबुगाहट शुरु हो गई है। चुनाव आयोग ( Election Commission ) ने कहा कि इस साल के आखिर में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनावी कार्यक्रम को लेकर आयोग की ओर से कहा गया है कि तारीखों का ऐलान अमरनाथ यात्रा ( Amarnath yatra ) के समापन के बाद किया जाएगा। आयोग ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर की स्थितियों पर लगातार नजर बनाए हुए है और सभी जरूरी जानकारियां हासिल कर रहा है।

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बीजेपी ने तोड़ दिया था पीडीपी से गठबंधन

जम्मू कश्मीर में 19 दिसंबर को उस वक्त एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था, जब बीजेपी ने पीडीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया। गठजोड़ वाली सरकार उस समय गिर गइ थी जब बीजेपी के समर्थन वापस लेने के साथ ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई। इसके बाद से ही राज्य में राष्ट्रपकि शासन लागू है।

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राज्य के परिसीमन की भी चल रही बात

वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ही गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बैठक की। इसमें जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन और इसके लिए आयोग गठन पर विचार किया गया। जानकारी के अनुसार इस बाबत अमित शाह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पहले ही बात कर चुके हैं।

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क्या था पिछला चुनावी नतीजा

जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा नवंबर और दिसंबर 2014 में हुआ था। नतीजों में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत से कोसो दूर रही। 87 विधानसभा सीटों वाली जम्मू कश्मीर में अपने दम पर सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 44 विधायक चाहिए होते हैं। लेकिन यहां पीडीपी को 28 और बीजेपी को 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। यानि को बहुमत नहीं मिला। हर हाल में सरकार बनाने को बेताब बीजेपी ने राज्य में पहली बार पीडीपी से गठबंधन किया और मिलकर सरकार बना ली। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। तीन साल में उपजे राजनीतिक विवाद के बाद भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन तोड़ दिया।