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विरोधियों के निशाने पर Babulal Marandi, झारखंड सरकार के फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री को खत लिखने पर घिरे

विरोधियों के निशाने पर हैं झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता Babulal Marandi केंद्रीय कोयला मंत्री को खत लिख झारखंड सरकार के फैसले पर दखल देने की बात कही कांग्रेस और झामुमो के नेताओं ने बाबूलाल मरांडी पर गुमराह करने का लगाया आरोप

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Babulal Marandi

झारखंड नेता विपक्ष बाबूलाल मरांडी

नई दिल्ली। झारखंड ने नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक दल के नेता पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) अपने विरोधियों के निशाने पर हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्री को एक खत लिखे जाने को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाबूलाल मरांडी पर गुमराह करने का आरोप लगाया है।

झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी जिम्मेदार व्यक्ति हैं, उनको ऐसा नहीं करना चाहिए। केंद्रीय कोयला मंत्री को इस तरह गुमराह भरा पत्र लिखना समझ से परे हैं।

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बाबूलाल मरांडी के केंद्रीय कोयला मंत्री को खत लिखने से झारखंड की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस के राजेश ठाकुर ने जहां बाबूलाल मरांडी पर गुमराह करने का आरोप लगाया है वहीं उन्हें बधाई भी दे डाली।

कांग्रेस नेता ने बाबूलाल को बधाई देते हुए कहा कि कम से कम पहली बार राज्य के मसले पर केंद्रीय मंत्री को पत्र तो लिखा ये बात अलग है कि इसमें भी उन्होंने सिर्फ अपनी ही बात की।

कांग्रेस के साथ-साथ सत्ता रूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी मरांडी को आड़े हाथों लिया है। पार्टी के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी का गणित कुछ अटपटा है।

सारे खदान को बेच कर जो पैसा आएगा उसको वो कैलकुलेट कर रहे हैं। मनोज पांडेय ने ये भी कहा कि खनिज संपदा पर यहां के लोगों का अधिकार है।

ये है पूरा मामला
दरअसल झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय कोयला मंत्री को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। झारखंड में राज्य सरकार ने 18 अगस्त को कैबिनेट की बैठक कर राज्य के 7 लौह अयस्क खदान को रिजर्व करने का फैसला लिया था। इस फैसले को लेकर बाबूलाल ने केंद्र सरकार से फैसले से दखल देने की मांग की।

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जनहित के खिलाफ फैसला
बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश की सोरेन सरकार के इस फैसले को जनहित के खिलाफ बताया। केंद्रीय कोयला मंत्री को लिखे पत्र में बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि- झारखंड को इस फैसले से 40 हजार करोड़ का नुकसान होगा।
आपको बता दें कि इस पत्र में बाबूलाल मरांडी ने जीसेमडीसी की क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं।

बहरहाल बाबूलाल मरांडी के इस कदम से प्रदेश की सियासत जरूर गर्मा गई है। मरांडी जहां प्रदेश सरकार के फैसले को जनहित के खिलाफ बता रहे हैं वहीं कांग्रेस और जेएमएम के नेता बाबूलाल मरांडी पर ही केंद्र सरकार के साथ जनता को गमुराह करने का आरोप लगा रहे हैं।