scriptराजमाता विजयाराजे का अधूरा सपना पूरा करने के लिए भाजपा में शामिल होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया? | Jyotiraditya Scindia will fulfill Unfinished dream of Vijayaraje Scindia by joining BJP? | Patrika News

राजमाता विजयाराजे का अधूरा सपना पूरा करने के लिए भाजपा में शामिल होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया?

locationनई दिल्लीPublished: Mar 10, 2020 12:14:17 pm

Submitted by:

Mohit sharma

आज को BJP में शामिल हो सकते हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया
भाजपा ( BJP ) आलाकमान के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की बातचीत का दौर जारी

राजमाता विजयाराजे का अधूरा सपना पूरा करने के लिए भाजपा में शामिल होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया?

राजमाता विजयाराजे का अधूरा सपना पूरा करने के लिए भाजपा में शामिल होंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया?

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में उठा सियासी तूफान ( MP Political Crisis ) शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बगावती तेवर अख्तियार कर चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Congress Leader Jyotiraditya Scindia ) आज को भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) में शामिल हो सकते हैं।

भाजपा आलाकमान के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Jyotiraditya Scindia ) की बातचीत का दौर जारी है। उन्होंने मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) से मुलाकात की है।

आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस ( Congress ) से चार बार सांसद रहे चुके है। कांग्रेस नीत UPA सरकार में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, अमित शाह भी साथ

v1.png

इस बीच चर्चा है कि ज्‍योतिरादित्‍य ( Jyotiraditya ) भाजपा में शामिल होकर अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया ( Vijayaraje Scindia ) के सपने को साकार कर सकते हैं।

आपको बता दें कि जनसंघ ( Jansangh ) की संस्थापक सदस्यों में से एक विजयाराजे सिंधिया की ईच्छा थी कि उनका पूरा परिवार भाजपा में लौट आए।

दरअसल, ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ( Vijayaraje Scindia ) के सियासी सफर की शुरुआत 1957 में कांग्रेस के साथ हुई। वह मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट ( Guna Lok Sabha seat ) से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गईं।

लेकिन 10 साल बाद उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर लिया और 1967 में फिर से जनसंघ में शामिल हो गईं।

यह विजयाराजे सिंधिया के दबदबे का ही परिणाम है कि 1971 में उनकी वजह से इंदिरा गांधी लहर में भी ग्वालियर क्षेत्र में जनसंघ की तीन सीटें आईं।

इस दौरान भिंड से विजयाराजे सिंधिया, ग्वालियर से अटल बिहारी और गुणा से ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया गुना सांसद बने।

पूरा परिवार जनसंघ में रहने के बावजूद केवल माधवराव सिंधिया ( Madhavrao Scindia ) ने ही अलग रास्ता चुना। हालांकि पहले वह जनसंघ से सांसद चुने गए, लेकिन उन्होंने कांग्रेस का रुख किया।

माधव ने 1980 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और सरकार में केंद्रीय मंत्री बने।

 

ट्रेंडिंग वीडियो