
रफाल मामले पर शरद पवार के बयान के बीच कमल हासन ने उठाया सवाल, बोले- आरोप नहीं पर सौदे पर शक
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के रफाल मुद्देपर मोदी सरकार के समर्थन वाले बयान से मचा सियासी घमासान के बीच दक्षिण से बड़ी खबर आई है। पवार के बयान से मचे तूफान के बीच दक्षिण के दिग्गज नेता कमल हासन ने रफाल सौदे पर सवाल उठाए हैं।
अभिनेता से नेता बने मक्कल निधि मय्यम पार्टी के प्रमुख कमल हासन ने कहा है कि रफाल सौदे को लेकर कहा है कि हमें संदेह है और हमें जांच की मांग करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन शक कर रहे हैं..."। आपको बता दें कि रफाल सौदे को लेकर विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर गड़बड़ी का आरोप लगाती आ रही है। इस मुद्दे पर भारत से फ्रांस तक बवाल मचा हुआ है। इस बीच राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी लगातार आ रही हैं। इसी कड़ी में कमल हासन का रफाल पर सवाल काफी अहम माना जा रहा है।
शरद पवार ने जहां अपने बयान में कहा है कि मोदी की नीयत पर शक नहीं वहीं, कमल हासन ने तुरंत बाद अपने बयान में कहा है कि हम आरोप नहीं लगा रहे लेकिन शक कर रहे हैं। देखा जाए तो कमल ने शरद पवार के ही बयान पर अपना पलटवार किया है। लेकिन कमल हासन के इस बयान के बाद रफाल का मुद्दा अब दक्षिण में गर्माने की उम्मीद है।
पहले भी मोदी पर हमला बोल चुके कमल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कमल हासन पहले भी कई हमला बोल चुके हैं खास तौर पर कावेरी मुद्दे पर कमल ने पीएम मोदी को एक खुला खत लिखकर फर्ज याद दिलाया था। कमल हासन ने पीएम मोदी को कावेरी मुद्दे पर तमिलनाडु को न्याय दिलाने का आग्रह किया था। उन्होंने पीएम मोदी को लिखा कि आप तमिलनाडु को आसानी से न्याय दिला सकते हैं, जो वह मांग रहा है। कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन में देरी होने से तमिलनाडु की जनता हताश है और वह न्याय चाहती है। उन्होंने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाकर अपना संवैधानिक दायित्व पूरा कर दिया है। अब आपको सर्वोच्च न्यायालय का आदेश लागू कर अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाना चाहिए।
भाजपा के विरोधियों से मिला रहे हाथ
कमल हासन ने इससे लगातार बीजेपी की नीतियों और मोदी सरकार के खिलाफ रहे हैं। इस बात का अंदाजा आप भाजपा विरोधी पार्टियों से कमल के बढ़ते संबंधों से लगा सकते हैं। पहले कमल हासन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से भी मिलकर ये संदेश दे चुके हैं कि वो भाजपा नीति से खुश नहीं है। हाल में उन्होंने ओडिशा मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नवीन पटनायक से भी मुलाकात कर अपनी सोच को साफ कर दिया है।
Updated on:
28 Sept 2018 03:06 pm
Published on:
28 Sept 2018 01:19 pm
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