
कर्नाटकः नाराज विधायकों को 'रोटेशन प्लान' से मनाएगी कांग्रेस, खराब काम करने वालों की जाएगी कुर्सी
बेंगलूरु। कर्नाटक में कुर्सी संकट से निपटने के लिए कांग्रेस ने मास्टर स्ट्रोक लगाया है। कैबिनेट में हुए विस्तार के बाद मंत्री ना बन पाए विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद अब कांग्रेस ने अपने मंत्रियों को कांग्रेस को दो साल बाद रोटेशन प्लान के तहत रिप्लेस करने का ऐलान किया है। इस रणनीति के पीछे का मकसद कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना है कि पार्टी अपने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं के लिए भी प्रतिबद्ध है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा कैबिनेट को अंतिम मानकर नहीं चलना चाहिए। गौरतलब है कि कर्नाटक में मौजूदा कैबिनेट में जगह ना मिलने से असंतुष्ट कुछ विधायकों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था, वहीं एक विधायक के समर्थक ने विरोधस्वरूप खुद पर केरोसीन छिड़क लिया था। साथ ही 37 विधायकों के बावजूद 10 मंत्रीपद हासिल करने वाली जेडीएस के मुखिया और राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी अपने विधायकों के नाराज होने की बात कही है।
...ये है कांग्रेस का कर्नाटक फॉर्मूला
- रोटेशन प्लान के तहत दो साल बाद नए विधायकों को मंत्री बनने का मौका दिया जाएगा।
- अच्छा काम नहीं करने वाले मंत्रियों को छह महीने में समीक्षा के आधार पर भी हटाया जा सकता है।
- पहली बार विधायक बने लोगों को मंत्री पद नहीं दिया जाएगा।
पहले फेल हो चुका है फॉर्मूला
गौरतलब है कि के सिद्दारमैया की सरकार में भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जी परमेश्वर (मौजूदा डिप्टी सीएम) ने परफॉर्मेंस असेसमेंट (मंत्रियों की समीक्षा) का ऐलान किया था। लेकिन अंततः यह रणनीति मूर्त रूप नहीं ले पाई। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पार्टी ने तीन सूत्री फॉर्मूला लगाया है। गौरतलब है कि कि इन दोनों नेताओं पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने सही फैसला लेने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विरोध करने वालों को भी मंत्री नहीं बनाया जाएगा।
Published on:
08 Jun 2018 08:45 am
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