scriptकर्नाटक में कुर्सी का नाटकः कोई पार्टी छोड़ने तो कोई मरने तक को तैयार | JDS-Congress MLAs' big drama in Karnataka after Cabinet expansion | Patrika News

कर्नाटक में कुर्सी का नाटकः कोई पार्टी छोड़ने तो कोई मरने तक को तैयार

locationनई दिल्लीPublished: Jun 07, 2018 12:50:16 pm

गठबंधन सरकार के कैबिनेट विस्तार के महज कुछ घंटों बाद ही बगावत जैसा माहौल तैयार हो गया है।

kumarswamy

कर्नाटक में कुर्सी का नाटकः कोई पार्टी छोड़ने तो कोई मरने तक को तैयार

बेंगलूरु। कर्नाटक की सियासत में उठापटक का दौर अभी भी पूरे उफान पर है। बीजेपी को हराने के लिए एकजुट हुई जेडीएस और कांग्रेस दोनों में आंतरिक घमासान जोर पकड़ रहा है। गठबंधन सरकार के कैबिनेट विस्तार के महज कुछ घंटों बाद ही बगावत जैसा माहौल तैयार हो गया है। बताया जा रहा है कि कई बड़े नेताओं की उम्मीदें टूटने से अंदर और बाहर दोनों तरफ माहौल अशांत है। हालात यह है कि कहीं विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार है तो कहीं समर्थक मरने तक को तैयार हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस के 15 और जेडीएस के 10 विधायकों को मंत्री पद मिले हैं।
37 विधायकों वाली पार्टी में 10 मंत्री फिर भी नाराजगी

जेडीएस अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी खुद कह चुके हैं कि जेडीएस के कई विधायक मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं। गौरतलब है कि 37 विधायकों की इस पार्टी को 10 मंत्री पद मिले हैं। उधर के सिद्धारमैया की सरकार में रहे कई बड़े नेताओं को मंत्रिमंडल के गठन से झटका लगा है। नाराज नेताओं में एचके पाटिल, रामालिंगा रेड्डी, रोशन बेग, एमबी पाटिल और तनवीर सैत को आखिरी वक्त तक उम्मीदें थीं, लेकिन अंततः उन्हें झटका लगा।
…यह है विरोध का आलम

मंत्रिमंडल गठन से नाराज गठबंधन के नेताओं और उनके समर्थकों ने अंदर और बाहर हर जगह हंगामा खड़ा कर दिया है। लिंगायत को अलग धर्म घोषित करने की वकालत करने वाले एमबी पाटिल ने तो पार्टी छोड़ने की भी धमकी दी है। वहीं कांग्रेसी नेता के तनवीर सैत के एक समर्थक ने तो विरोध के दौरान सड़क पर ही केरोसीन छिड़क लिया।
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हर बयान दे रहा अस्थिरता का संकेत

करीब 37 सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ हार-जीत हासिल करने वाली कांग्रेस और जेडीएस ने जब से गठबंधन किया है तभी से अंतर्द्वंद्व का सिलसिला भी शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम जी परमेश्वर कह चुके हैं कि कांग्रेस ने पांच साल तक मुख्यमंत्री को समर्थन की गारंटी नहीं दी है। वहीं खुद कुमारस्वामी भी कह चुके हैं कि वे राहुल गांधी की कृपा से मुख्यमंत्री बने हैं और उन्हें बिना बहुमत के इस पद पर ताजपोशी का मलाल है।
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