
कर्नाटक क्राइसिस: लोकसभा और राज्यसभा में आज फिर हंगामे के आसार, कांग्रेस पीछे हटने को तैयार नहीं
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ( Congress-JDS Coalition ) और भारतीय जनता पार्टी (BJP ) के बीच सियासी खेल ( political game ) जारी है। लेकिन कर्नाटक क्राइसिस ( Karnataka Crisis) अब पहले से कहीं ज्यादा गरमा गया है।
कांग्रेस नियम-267 के तहत बहस पर अड़ी
बुधवार को कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में एक बार फिर इस मुद्दे को उठा सकती है। मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी तो राज्यसभा में कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने नियम-267 ( Rules-267 ) के तहत कर्नाटक संकट पर बहस कराने की मांग की थी।
मंगलवार को पहले अधीर रंजन चौधरी के बयान के बाद लोकसभा में और उसके बाद कांग्रेस ने राज्यसभा में हंगामा मचाया। हंगामे की वजह से कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थागित करना पड़ा। कांग्रेस सांसदों के हंगामे की वजह से दो बजे बाद कार्यवाही शुरू होते ही सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
कर्नाटक क्राइसिस के पीछे भाजपा का हाथ
राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कर्नाटक संकट ( karnataka crisis ) के पीछे भाजपा का हाथ है। भाजपा बार और रेस्तरां में मुख्यमंत्री बनाती है। भाजपा मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भी ऐसा कर चुकी है।
घर को संभाल पाने में कांग्रेस नाकाम
लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के सवालों का जवाब देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ( Defence minister Rajnath Singh) ने लोकसभा में कहा था कि कर्नाटक में जो कुछ हो रहा है, वह कांग्रेस के अपने घर का मामला है। लेकिन ये अपने घर को संभाल नहीं पा रहे हैं, बल्कि संसद के इस निचले सदन को डिस्टर्ब करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के मौजूदा राजनैतिक हालात को लेकर कहा था कि यह कांग्रेस का स्वभाव बन गया है कि अपनी नाकामियों के लिए वे किसी पर भी आरोप लगा देते हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि उनके विधायकों ने अपने इस्तीफे राज्यपाल को सौंप दिए हैं।
Updated on:
10 Jul 2019 11:06 am
Published on:
10 Jul 2019 08:23 am
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