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कर्नाटक चुनाव में टूटा 61 साल पुराना यह रिकॉर्ड, 1957 में हुआ था ऐसा कमाल

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम चाहे जो हों, लेकिन इस बार चुनाव में कई ऐसे रिकॉर्ड टूटे हैं पिछले कई सालों से लोगों के लिए आश्चर्य का सबब बने थे।

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Karnataka election

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। ऐसे में राज्य में बनने वाली नई सरकार को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम चाहे जो हों, लेकिन इस बार चुनाव में कई ऐसे रिकॉर्ड टूटे हैं पिछले कई सालों से लोगों के लिए आश्चर्य का सबब बने थे।

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1957 के बाद सबसे ज्यादा मतदान

इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी बात यह है कि साल 1957 के बाद ऐसा पहली बार है, जब राज्य में इतना मतदान हुआ हो। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो कर्नाटक में इस बार रिकॉर्ड तोड़ 72.13 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, सबसे अधिक मतदान वाले क्षेत्र का श्रेय राज्य की होसकोटे विधानसभा क्षेत्र को गया। हालांकि इससे पहले भी यह विधासभा क्षेत्र अधिक मतदान को लेकर चर्चाओं में रह चुका है। इस बार यहां 2018 में 89.97 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। जबकि सबसे कम मतदान वाले क्षेत्रों में सबसे उपर बेंगलुरु की दसारहाली विधानसभा का नाम आता है। यहां सबसे कम 48.03 प्रतिशत ही मतदान हुआ। 2013 में राज्य की 21 महत्वपूर्ण विधानसभाओं में 70 प्रतिशत मतदान के मुकाबले इस बार राज्य के 24 जिलों में 70 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया।

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मोदी को जीत श्रेय

कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद शोभा करान्दलजे ने मंगलवार को कहा कि राज्य में 118 विधानसभा सीटों पर अन्य दलों से आगे चल रही पार्टी के जीत की ओर अग्रसर होने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिनके व्यापक प्रचार अभियान के कारण यह संभव हुआ है। शोभा ने यहां कहा कि यह जनादेश स्पष्ट रूप से कांग्रेस की विभाजनकारी राजनीति और सिद्धारमैया के अहंकार के खिलाफ है। इस जीत का श्रेय नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और हमारे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस. येदियुरप्पा के व्यापक प्रचार अभियान को जाता है।