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कर्नाटक में शपथ के बहाने होगा शक्ति प्रदर्शन, एक मंच पर जुटेगा विपक्षी कुनबा

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में कांग्रेस विपक्ष की शक्ति दिखाकर मोदी और बीजेपी को 2019 में एकजुटता का संकेत देना चाहती है।

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Chandra Prakash Chourasia

May 22, 2018

 Kumaraswamy

कर्नाटक में शपथ के बहाने होगा शक्ति प्रदर्शन, एक मंच पर जुटेगा विपक्षी कुनबा

नई दिल्ली। कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी विरोधी पार्टियां 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी एकता प्रदर्शित करेंगी। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हाथ में आए इस मौके पर कांग्रेस मोदी और बीजेपी विरोधी हर पार्टी को इकट्ठा कर सरकार को ये संकेत देने की तैयारी में है कि 2019 की लड़ाई इतनी आसान नहीं होने वाली है।

शपथ के बहाने शक्ति का प्रदर्शन
एच.डी. कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा प्रमुख मायावती , समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार , राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के नेता एम.के. स्टालिन, रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और अभिनेता से नेता बने कमल हासन भी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , आंध्रप्रदेश के नेता चंद्रबाबू नायडू भी शिरकत करेंगे। वहीं कांग्रेस रहित तीसरे मोर्चे को हवा देने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव इस समारोह में नहीं आएंगे।

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शाह बोले- फिर सत्ता में आएगी एनडीए
विपक्ष के इन प्रयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश में माहौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में है और एनडीए 2014 की तुलना में और ज्यादा बहुमत के साथ फिर सत्ता में आएगी। उन्होंने इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि ममता बनर्जी कर्नाटक में क्या करेंगी और कुमारस्वामी बंगाल में क्या करेंगे।

इत तरह खत्म हुआ कर्नाटक का दंगल
इससे पहले कर्नाटक के राजनीतिक तूफान का अंत तब हो गया था, जब सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को 15 दिन के बजाय 26 घंटे के अंदर सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया। लेकिन विश्वास मत हासिल करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस तरह येदियुरप्पा ढाई दिन के मुख्यमंत्री साबित हुए।