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लालू यादव ने ली भगवान शिव की सौगंध, अब नहीं खाएंगे मांसाहार

बिहार के आरजेडी अध्यक्ष और बिहार की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले लालू प्रसाद यादव भी ज्योतिषीय परामर्श की वजह से मांसाहार से दूर हो गए हैं।

Chandra Prakash Chourasia

Dec 09, 2017

lalu

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में अधिकांश नेता ग्रह नक्षत्रों और ज्योतिषी में यकीन करते हैं। चुनाव में नामांकन भी वो ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही करते हैं। बिहार के आरजेडी अध्यक्ष और बिहार की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले लालू प्रसाद यादव भी ज्योतिषीय परामर्श की वजह से मांसाहार से दूर हो गए हैं।


ज्योतिषीय परामर्श के बाद छोड़ा मांसाहार
लालू के एक करीबी नेता का दावा है कि लालू ज्योतिषीय परामर्श के बाद शाकाहारी हो गए हैं और उन्होंने मांसाहार का त्याग कर दिया है। लालू न केवल शाकाहारी भोजन कर रहे हैं बल्कि ज्योतिषीय परामर्श को अपने जीवन में कड़ाई से उतार रहे हैं। नेता का दावा है कि लालू ने पिछले 15 दिनों से मांस-मछली को हाथ तक नहीं लगाया है। कहा जा रहा है कि राजद प्रवक्ता और ज्योतिषी शंकर चरण त्रिपाठी ने लालू को ऐसा करने की सलाह दी है।


अनिष्ट के डर से अपनाया शाकाहार
बता दें कि लालू प्रसाद यादव के पसंदीदा भोजन में ऐसे तो प्रारंभ से ही बहते पानी खासकर सोन नदी की मछली शामिल रही है, लेकिन ज्योतिषीय परामर्श के बाद किसी अनिष्ट से बचने के लिए उन्होंने शाकाहार का पालन करना शुरु कर दिया है।


लालू ने खाई भगवान शिव का सौगंध
आरजेडी के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया, "त्रिपाठी ने अध्यक्ष लालू प्रसाद को सलाह दी है कि वे मांसाहार छोड़ दें, तब उन्हें सभी तात्कालिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। बाबा ने लालू प्रसाद को कहा है कि भगवान शिव के समक्ष ली गई शपथ को भंग करना उचित नहीं है, इसलिए उन्हें तत्काल मांसाहार छोड़ देना चाहिए।"


खुद बनाकर खाते थे मांसहार
बता दें कि लालू कुछ वर्ष पूर्व भी मांसाहार छोड चुके थे, परंतु फिर से उन्होंने मछली और अंडा खाना प्रारंभ कर दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि भगवान शिव ने स्वप्न में मांसाहार नहीं करने की बात कही थी। लालू के नजदीकी लोगों का कहना है कि लालू मछली खुद बनाकर भी खाते रहे हैं।