छोटे-बड़े हर दल के करीब 75 नेताओं ने लगाई गुहार
हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित रामलोक मंदिर की। लोकसभा चुनाव के आगाज के बाद लगभग हर दल के नेता यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। क्या कांग्रेस और क्या भाजपा, छोटे-बड़े हर दल के करीब 75 नेता, एक महीने के अंदर अपनी जीत की मनोकामनाएं लेकर यहां हाजिरी भर चुके हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नामों में मनोज तिवारी, झारखंड से अर्जुन मुंडा, नई दिल्ली से जयप्रकाश अग्रवाल, बिहार से अश्विनी चौबे, उत्तर प्रदेश से संजीव बलियान और कृष्णा राज जैसे नेता शामिल हैं।
इसके अलावा महाबल मिश्रा और राजस्थान से दुष्यंत सिंह के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू भी इस दरबार में आकर जीत की गुहार लगा चुके हैं। मंदिर के एंट्री रजिस्टर में दर्ज रिकॉर्ड से पता चलता है कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल भी मंदिर में हाजिरी लगा चुके हैं।
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मंदिर से जुड़ी है यह खास मान्यता
सोलन के साधू पुल के पास रूड़ा में स्थित इस मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की आदमकद मूर्तियां स्थापित हैं। जानकारों के मुताबित इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि किसी व्यक्ति पर कितनी भी बड़ी संकट क्यों न मंडरा रही हो, एक बार यहां आ जानेभर से उसकी विपदा टल जाती है। कहा यह भी जाता है कि मंदिर में हवन करने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के संस्थापक ने बताया कि यहां भगवान राम में श्रद्धा-विश्वास रखने वाले हर धर्म, जाति और राजनीतिक दल के नेता दर्शन के लिए आते हैं।
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पहले भी चुनाव में चर्चा में रहा है मंदिर
बता दें कि सिर्फ लोकसभा चुनाव में ही नहीं इससे पहले के चुनावों में भी इस मंदिर में दर्शनभिलाषियों का तांता लगा रहा है। इससे पहले हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह विशिष्ट मंदिर चर्चा में रहा। उस दौरान भी विधायक राकेश पठानिया, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, विक्रम जरियाल, कर्नल धनीराम शांडिल, पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह, समेत कई अन्य नेता यहां पहुंचे थे, जिनके नाम रजिस्टर में दर्ज हैं। ऐसा नहीं है कि नेता यहां सिर्फ दुआ मांगने पहुंचते हैं, बल्कि वे दुआ पूरी होने पर भी यहां आते हैं। कुलदीप राठौर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद भी यहां शुक्रिया अदा करने पहुंचे थे। इसके अलावा गुड़िया रेप मामले में डेढ़ साल से ज्यादा वक्त तक जेल में बंद रहे पूर्व आईजी जहूर जैदी भी आजाद होते यहां मत्था टेका।
रामलोक मंदिर के अलावा कई मंदिर ऐसे हैं, जहां चुनाव और राजनीतिक हलचल के बीच धर्म-अध्यात्म की अर्जियां लेकर यहां पहुंचते हैं।
– इनमें से सबसे पहला नाम आता है मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर का। भगवान शिव के इस मंदिर पर कई नेताओं का अटूट भरोसा है। इस मंदिर से भी जुड़ी मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना करने वाले को जीत का आशीर्वाद मिलता है।
– उत्तर भारत के विंध्यावासिनी मंदिर में भी कई नेता अर्जी-विनती के लिए पहुंचते हैं। जानकारी मिलती है कि यहां आनेवाले नेता अपनी जीत के लिए तंत्र-मंत्र तक का सहारा लेते हैं।
– मध्यप्रदेश के ही एक अन्य मंंदिर में काफी सारे नेता चुनावी मौसम में पहुंचते हैं। यहां के दतिया में मां पीतांबरा के दर्शन के लिए नेता दूर-दूर से आता है। दरअसल, मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है, यही वजह है कि नेता यहां आकर गुप्त पूजा-अर्चना करते हैं।
– इन मंदिरों के अलावा 51 शक्तिपीठों में मां कामाख्या की पूजा-पाठ करने वाले नेता भी अपनी जीत को लेकर आशस्वत रहते हैं। बता दें कि पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कामाख्या मंदिर में जीत के लिए अर्जी लगाई थी।