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UP Assembly Elections 2022 : एलपीजी सिलेंडर बना चुनावी मुददा, पेट्रोल और डीजल की कीमत पर भी भाजपा घिरी

UP Assembly Elections 2022 एलपीजी सिलेंडर के बढ़ते दाम भी अब विपक्ष के लिए चुनावी मुददा बन गए हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी विपक्ष ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस,सपा और बसपा एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों को भाजपा सरकार की नाकामी बताकर महिला वोटरों को लुभाने का काम कर रही हैं।

Jan 27, 2022 / 02:36 pm

Kamta Tripathi

UP Assembly Elections 2022 : एलपीजी सिलेंडर बना चुनावी मुददा, पेट्रोल और डीजल की कीमत पर भी भाजपा घिरी

UP Assembly Elections 2022 : एलपीजी सिलेंडर बना चुनावी मुददा, पेट्रोल और डीजल की कीमत पर भी भाजपा घिरी

UP Assembly Elections 2022 देश के पांच राज्यों में चुनाव प्रक्रिया इस समय चल रही है। भाजपा सरकार को घेरने में विपक्ष किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ रहा है। पहले चरण के चुनाव में अब सपा रालोद गठबंधन और कांग्रेस भाजपा सरकार को एलपीजी सिलेंडर के बढ़ते दाम और पेट्रेाल डीजल पर घेरने की कोशिश कर रही है। कुल मिलाकर महंगाई तो मुददा बना ही हुआ है। उसके साथ एलपीजी सिलेंडर को मुददा बनाकर विपक्ष महिलाओं की दुखती रग पर हाथ रखने की कोशिश कर रहा है। पश्चिमी उप्र में पहले चरण का मतदान आगामी 10 फरवरी को होना है। 10 फरवरी को 58 सीटों के लिए मतदान होना है। इसी पहले चरण से एलपीजी की कीमतों को लेकर सपा और कांग्रेस प्रदेश सरकार पर हमलावर हो चुकी हैं। बता दे कि प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकारें हैं। दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों पर सरकार का काबू नहीं है। एलपीजी की बढ़ती कीमतों का असर आम लोगों के जेब पर पड़ रहा है। इससे घरेलू महिलाओं की परेशानी काफी बढ़ गई है। ज्ञात रहे कि एलपीजी की कीमतें प्रत्येक माह की एक तारीख को निर्धारित होती हैं।

केंद्र में मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल केा देखे तो बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 2014 जनवरी में 382 रुपये तक सस्ता था। उसके बाद मई 2014 में ही 929 रुपये पर पहुंच गया था। उसके बाद आज यानी जनवरी 2022 की बात करें तो एलपीजी सिलेंडर की कीमत 899 रुपये है। कांग्रेस की मनमोहन सरकार की तुलना में भले ही आज एलपीजी सिलेंडर के दाम भले ही कम हो। लेकिन यह सिलेंडर उन उपभोक्ताओं को काफी महंगा पड़ रहा है जो सब्सिडी से गैस सिलेंडर लेते हैं। 2014 को बिना सब्सिडी के गैस सिलेंडर का मूल्य 905 रुपए था। वहीं सब्सिडी वाले सिलेंडर का मूल्य 414 रुपये था।
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वहीं बात यूपी में एलपीजी सिलेंडर की करें तो पिछले पांच साल में रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 167 रुपये की महंगाई हुई है। यानी इतना दाम बढ़े है। 2017 में बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 776 रुपये थी जो कि आज बढ़कर 939 रुपये पहुंच गई है। अब रसोई गैस के सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं है। दोनों के दाम बराबर हो गए हैं। इसी कारण से प्रदेश में विपक्ष ने योगी सरकार को रसोई गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि पर घेरा है। सपा महिला विंग की टीम घर घर जाकर महिलाओं को रसोई गैस के बढ़े दामों की याद दिलवाकर उनके जख्मो को कुरदने का काम कर रही हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस भी पहले से हमलावर है।

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