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केजरीवाल से न मिलने देने पर नाराज ममता बोली, आज इस मुद्दे को नीति आयोग में उठाऊंगी

locationनई दिल्लीPublished: Jun 17, 2018 08:02:48 am

Submitted by:

Dhirendra

चार राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों ने केंद्र से पहल कर दिल्‍ली संकट का समाधान निकालने पर जोर दिया।

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केजरीवाल से न मिलने देने पर नाराज ममता बोली, आज नीति आयोग में उठाऊंगी मुद्दा

नई दिल्‍ली। एलजी के घर पर सीएम केजरीवालव और उनके मंत्रियों के धरने का आज सातवां दिन है। छठे दिन शाम को पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी समेत देश के चार राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री केजरीवाल से मिलना चाहते थे। इसके लिए चारों सीएम ने एलजी अनिल बैजल से लिखित में समय मांगा लेकिन समय न मिलने से नाराज सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि संवैधानिक लिहाज से ये अच्‍छी बात नहीं है। इस मुद्दे को रविवार को पीएम मोदी के साथ नीति आयोग की बैठक में उठाऊंगी। अगर उन्‍होंने ध्‍यान नहीं दिया तो यह भारतीय लोकतंत्र के लिए सही नहीं होगा। मीडिया से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि अगर इसका समाधान नहीं निकला तो हर राज्य में ऐसी नौबत आ सकती है।
सहयोगी संघवाद खतरे में
सीएम मतता बनर्जी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र सहयोगी संघवाद पर आधारित है। इसमें केंद्र को राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर काम करना होता है। लेकिन दिल्‍ली में जिस तरह से सीएम केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ धरने पर बैठे है और उसका समाधान नहीं निकल पा रहा है उससे संवैधानिक संकट की स्थिति बन आई है। केंद्र सरकार को इस मामले में दखल देने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने मीडिया को संबांधित करते हुए कहा कि दिल्ली में संवैधानिक संकट है। चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केजरीवाल से न मिलने देना लोकतंत्र की हत्या है। सीएम कई दिनों से एलजी के घर में हैं। इसका समाधान नहीं हुआ तो हर राज्य में ऐसी नौबत आ सकती है।
केजरीवाल के समर्थन में उतरा थर्ड फ्रंट
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के सीएम पी विजयन, कर्नाटक के कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने केजरीवाल के घर जाकर उनकी पत्नी और परिवार से मुलाकात की। इसके बाद चारों मुख्यमंत्रियों ने संयुक्‍त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ममता ने कहा कि हम सब एकता और केजरीवाल से सहानुभूति जताने के लिए केजरीवाल के घर आए हैं। कुछ मामले राजनीति से अलग होते हैं। विपक्षी पार्टी की भी मार्यादा होती है। दिल्ली का काम चार महीने से बंद है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि इस मामले में पीएम को दखल देना चाहिए।आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि केंद्र राज्य को मिलकर काम करना चाहिए। केरल के सीएम पी विजयन ने कहा कि दिल्‍ली में जो कुछ हो रहा है वो सही नहीं है। केंद्र और राज्‍य सरकारों को आपसी सहमति से इसका रास्‍ता निकालना चाहिए।
संकट के बारे में चारों सीएम को नहीं पता
दूसरी तरफ चार मुख्यमंत्रियों के केजरीवाल के समर्थन में आने पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है, क्या ये चारों सीएम जानते हैं कि ये संकट क्यों हो रहा? ये लोग तब कहां थे जब चीफ सेक्रेटरी पर हमला हुआ था और उन्हें अपमानित किया गया था। ये संकट इसी घटना से शुरू हुई थी। इस मुद्दे पर सीएम केजरीवाल खुद अधिकारियों ने बात करने तक राजी नहीं हैं।
अनिल बैजल ने नहीं दी मिलने की इजाजत
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर धरना दे रहे सीएम अरविंद केजरीवाल के समर्थन में उतरे चार राज्यों की मुख्यमंत्री शनिवार को दिल्ली पहुंचे। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू एलजी हाउस जाकर केजरीवाल से मुलाकात करने वाले थे, लेकिन चारों मुख्यमंत्रियों को एलजी हाउस में मुलाकात की इजाजत नहीं मिली। इसके बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। बंगाल की सीएम ने कहा कि नीति आयोग की मीटिंग में हमारी मुलाकात पीएम से होगी, हम उनके सामने भी इस मामले को उठाएंगे। उन्‍होंने कहा कि देश की राजधानी का यह हाल है, तो बाकी देश का क्या होगा। केंद्र का राज्‍य सरकारों से बेहतर होना चाहिए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हमें, यह सब दुख के साथ कहना पड़ रहा है।
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