
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में आई भाजपा की आंधी ने हर राजनीतिक दल को जमीन खिसका दी है। खास तौर पर विरोध करने की वाले दलों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस चुनाव में कांग्रेस के बाद अगर किसी दल ने मोदी से सीधी टक्कर ली तो वो था टीएमसी। टीएमसी के कई नेता मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। यहां भाजपा मुख्याल भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल रॉय ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया। भाजपा में शामिल होने वालों में तीन विधायक और करीब 50 पार्षद शामिल हैं। इनमें सीपीएम का एक विधायक और पूर्व टीएमसी नेता मुकुल रॉय का बेटा शुभ्रांशु रॉय प्रमुख रूप से शामिल हुए।
ये रहा टीएमसी का विभिषण
17वीं लोकसभा के लिए हुआ चुनाव में टीएमसी और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। इस चुनाव में सबसे ज्यादा हिंसा भी पश्चिम बंगाल में ही सामने आई। वर्ष 2014 में जहां भाजपा दो सीटें ही जीत पाई थी, वहीं इस बार पार्टी 18 सीटें जीतने में कामयाब रही। इसमें टीएमसी के बागी और चुनाव में विभिषण बने मुकुल रॉय की भूमिका अहम रही। रॉय ने थोड़े समय पहले ही टीएमसी छोड़कर भाजपा से नाता जोड़ा था। भाजपा की ये रणनीति उसके लिए सटीक साबित हुई और पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की।
यही मुकुल रॉय अब पार्टी से लगातार विधायकों और नेताओं को तोड़ने में जुटे हैं। अभी हाल में तृणमूल कांग्रेस ने विधायक सुभ्रांशु रॉय को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। सुभ्रांशु किसी समय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय के बेटे हैं।
Updated on:
28 May 2019 09:50 pm
Published on:
28 May 2019 03:55 pm
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