
मायावती ने राहुल गांधी को विदेशी मूल का बताने पर जय प्रकाश सिंह को बसपा से निकाला
नई दिल्ली। बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश के एक बयान ने लोकसभा चुनाव से आठ महीने पहले महागठबंधन में बखेड़ा खड़ा कर दिया। बहन जी ने अपने ही करीबी नेता जय प्रकाश के बयान को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। पार्टी प्रमुख ने जेपी के बयान को घोर अनुशासनहीनता करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ महागठबंधन को मजबूती देकर पीएम मोदी को लोकसभा में हराने की बातें हो रही है दूसरी तरफ पार्टी के नेता गलतबयानी कर विपक्ष एकता को बिगाड़ने में लगे हैं। उन्होंने साफ संकेत दे दिया है कि आगे भी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मायावती को बताया था पीएम पद का दावेदार
आपको बता दें कि बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने कल लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं की जोनल मीटिंग में कहा था कि राहुल गांधी अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा अपनी मां सोनिया जैसा दिखते हैं। सोनिया जी विदेशी मूल की हैं। इसलिए राहुल जी कभी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते, क्योंकि वो भी विदेशी मूल जैसा ही देखते हैं। साथ ही उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया था कि इस पद के लिए बसपा प्रमुख मायावती पीएम पद की सबसे बेहतर दावेदार हैं।
संबित पात्रा ने ट्वीट कर कसा था तंज
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि मंगलवार की सुबह जयप्रकाश के बयान पर तंज कसा था। उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट कर महाठगबंधन पर तंज कसते हुए कहा था कि अभी तक महागठबंधन को लेकर ही स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद अभी से देश का पीएम बनने को लेकर एक के बाद एक विरोधभासी दावे होने लगे हैं। उन्होंने कहा है कि बीएसपी ने साफ कर दिया है कि चूंकि राहुल गांधी अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा अपनी मां सोनिया जैसा ज्यादा दिखते हैं। सोनिया जी विदेशी मूल की हैं। इसलिए राहुल जी कभी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते। महागठबंधन की ओर ऐ पीएम पद के लिए बसपा सुप्रीमा मायावती सबसे बेहतर उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो शुरुआत है। आने वाले महीनों में महागठबंधन में और भी नायाब नजारे खुलकर सामने आएंगे।
कांशीराम को दिया था नई शैली की राजनीति का श्रेय
दरसल, सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लखनऊ और कानपुर जोन बसपा पदाधिकारियों के कैडर कैंप को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह ने जोर देकर कहा कि आज के समय में सीटों की संख्या ज्यादा मायने नहीं रखती है। कम सीट पाने वाले सीएम और पीएम बनते रहे हैं। जय प्रकाश ने कहा कि पहले ज्यादा सीट वालों की ही सरकार बनती थी लेकिन कांशीराम जी के समय से इसमें बदलाव आ गया है। यह कांशीराम ही थे कि 67 सीट वाली बसपा की सरकार बनी और 150 वाली भाजपा यूपी में ताकती रह गई। झारखंड में एक सीट वाले मधु कोड़ा मुख्यमंत्री बने और 42 वाले फेल हो गए। कर्नाटक में बसपा के पास एक ही सदस्य था लेकिन सरकार उसकी बनी जिसे बहन जी ने चाहा। आज बसपा सदस्य भी मंत्री है।
Updated on:
17 Jul 2018 02:58 pm
Published on:
17 Jul 2018 11:35 am
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